क्या थोक महंगाई दर नवंबर में -0.32 प्रतिशत रह गई?

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क्या थोक महंगाई दर नवंबर में -0.32 प्रतिशत रह गई?

सारांश

नवंबर में थोक महंगाई दर -0.32 प्रतिशत पर रही है, जिससे खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी देखने को मिली है। जानें इस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है और किस प्रकार की वस्तुओं में महंगाई दर में बदलाव आया है।

Key Takeaways

  • थोक महंगाई दर नवंबर में -0.32 प्रतिशत रही।
  • खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट आई।
  • प्राथमिक वस्तुओं में महंगाई दर -2.93 प्रतिशत रही।
  • ईंधन और ऊर्जा में भी कमी देखी गई।
  • सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य महंगाई दर -3.91 प्रतिशत रही।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। थोक महंगाई दर नवंबर में -0.32 प्रतिशत दर्ज की गई है। इसका नकारात्मक होना मुख्यतः खाद्य उत्पादों, मिनरल ऑयल, क्रूड पेट्रोलियम, नेचुरल गैस, बेसिक मेटल और इलेक्ट्रिसिटी की कीमतों में कमी के कारण है। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को साझा की गई।

मंत्रालय ने बताया कि प्राथमिक वस्तुओं में थोक महंगाई दर सालाना -2.93 प्रतिशत, और ईंधन तथा ऊर्जा में सालाना -2.27 प्रतिशत रही है।

इसके अलावा, नवंबर में फूड इंडेक्स की दर -2.60 प्रतिशत रही है।

सरकार ने कहा कि नवंबर में मिनरल में थोक महंगाई दर मासिक आधार पर 4.50 प्रतिशत, खाद्य उत्पादों की कीमतों में मासिक आधार पर महंगाई दर 2.5 प्रतिशत और गैर-खाद्य पदार्थों में थोक महंगाई दर 1.28 प्रतिशत रही है।

कच्चे तेल और नेचुरल गैस में थोक महंगाई दर नवंबर में अक्टूबर 2025 में -1.62 प्रतिशत रही है।

इससे पहले शुक्रवार को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया था कि भारत में खुदरा महंगाई दर नवंबर में 0.71 प्रतिशत रही है, जो कि अक्टूबर की महंगाई दर 0.25 प्रतिशत से 46 आधार अंक अधिक है।

मंत्रालय ने कहा कि नवंबर में शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 1.40 प्रतिशत रही है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 0.10 प्रतिशत रही है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य महंगाई दर -3.91 प्रतिशत रही है। ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर -4.05 प्रतिशत है, जबकि शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर -3.60 प्रतिशत रही है।

नवंबर में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अनाज की कीमत में 0.10 प्रतिशत, मांस और मछली की कीमत में 2.50 प्रतिशत, अंडों की कीमत में 3.77 प्रतिशत, दूध और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 2.45 प्रतिशत, ऑयल और फैट की कीमतों में 7.87 प्रतिशत, फलों की कीमतों में 6.87 प्रतिशत, चीनी और उससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में 4.02 प्रतिशत और गैर अल्कोहल पेय पदार्थों की कीमतों में 2.92 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।

Point of View

वे अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाते हैं। थोक महंगाई दर में गिरावट से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि यह सरकार के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, हमें यह देखना होगा कि यह स्थिति कितने समय तक बनी रहती है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

थोक महंगाई दर क्या होती है?
थोक महंगाई दर वह दर है, जो थोक बाजार में वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को दर्शाती है।
खाद्य महंगाई दर में कमी का अर्थ क्या है?
खाद्य महंगाई दर में कमी का अर्थ है कि खाद्य उत्पादों की कीमतें कम हो रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलती है।
इस दर का उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ता है?
इस दर में कमी का असर सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता पर पड़ता है, जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर हो सकता है।
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