क्या झारखंड में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के बाउंसरों की गिरफ्तारी ने मचाई हलचल?

सारांश
Key Takeaways
- योगेंद्र साव के बाउंसरों की गिरफ्तारी से झारखंड में राजनीतिक हलचल बढ़ी है।
- पुलिस ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने का आश्वासन दिया है।
- एनटीपीसी और योगेंद्र साव के बीच विवाद गंभीर होता जा रहा है।
हजारीबाग, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हजारीबाग पुलिस ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता योगेंद्र साव के पांच बाउंसरों को रविवार को गिरफ्तार किया। इन पर आरोप है कि शनिवार को इन्होंने एनटीपीसी की चट्टी बरियातू कोल माइंस को जबरन बंद कराया और वहां मौजूद ट्रांसपोर्टर्स एवं वाहन चालकों के साथ मारपीट की।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार पांचों आरोपी हरियाणा के निवासी हैं और इन्हें योगेंद्र साव के कार्यालय से पकड़ा गया। गिरफ्तारी के समय पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पुत्री एवं पूर्व विधायक और कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव अंबा प्रसाद भी कार्यालय में मौजूद थीं।
हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र स्थित चट्टी बरियातू माइंस के प्रबंधन और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के बीच पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा है। विवाद तब शुरू हुआ, जब एनटीपीसी ने माइंस की जमीन पर कथित तौर पर अवैध रूप से संचालित योगेंद्र साव की पत्नी और पूर्व विधायक निर्मला देवी के चिमनी ईंट भट्ठे की चारदीवारी को ध्वस्त कर दिया था।
इसके बाद योगेंद्र साव, उनके समर्थकों और बाउंसरों ने न सिर्फ माइंस का काम बंद करा दिया, बल्कि ट्रांसपोर्टर्स और मजदूरों से मारपीट भी की थी। इसके बाद ट्रांसपोर्टर यूनियन ने बड़कागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
घटना के बाद पुलिस ने सक्रिय होकर कार्रवाई की और रविवार को पांच बाउंसरों को हिरासत में ले लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अन्य आरोपियों की भी पहचान की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
बड़कागांव थाना प्रभारी ने बताया कि इससे पहले भी इस विवाद को लेकर योगेंद्र साव के आठ समर्थकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं किया जाएगा और मामले में शामिल हर व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।