क्या युगवीर सिंह ने पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- युगवीर सिंह ने 200 अंकों का पाई रिकॉर्ड बनाया।
- उन्होंने यह उपलब्धि पीएम मोदी के जन्मदिन पर समर्पित की।
- उनकी माता-पिता और गुरु का योगदान महत्वपूर्ण रहा।
- युगवीर का सपना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाना है।
- उन्होंने 70 दिनों की तैयारी की।
भुज, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के कच्छ से संबंध रखने वाले सात वर्षीय युगवीर सिंह जडेजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए अपनी एक ऐतिहासिक उपलब्धि उन्हें समर्पित की है।
युगवीर ने गणित के जटिल स्थिरांक ‘पाई’ के 200 दशमलव अंकों को बंद आंखों से केवल 24 सेकंड में बोलकर एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है। इस अद्वितीय उपलब्धि को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया ने आधिकारिक रूप से मान्यता दी है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में युगवीर सिंह जडेजा ने कहा कि मैंने ‘पाई’ के 200 अंक याद करके वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया में स्थान बना लिया है। यह विचार मेरे गुरु, योगेश सर का था, जिन्होंने मुझे अंक दिखाए और धीरे-धीरे मुझे उन्हें याद करना सिखाया। उन्होंने अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता को भी धन्यवाद दिया।
युगवीर ने आगे यह भी कहा कि वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाना चाहते हैं और तीन सपनों को पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें एयर स्पेस साइंस में रुचि है और उनका सपना इसरो में जाने का है। इसके साथ ही वह देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी देना चाहते हैं और जेईई परीक्षा भी देना चाहते हैं।
युगवीर के पिता जसपाल सिंह जडेजा ने कहा कि युगवीर ने हाल ही में वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया के तहत केवल 24 सेकंड में (पाई) के 200 अंक बताकर एक अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए तैयारी करना कठिन लग रहा था, लेकिन युगवीर की मेहनत, लगन और अद्वितीय याददाश्त ने इसे संभव बना दिया।
कच्छ की धरती ने फिर से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। मात्र 7 वर्ष की आयु में युगवीर सिंह जडेजा ने अपनी असाधारण बुद्धिमत्ता, एकाग्रता और समर्पण से गणित के जटिल स्थिरांक (पाई) के 200 दशमलव अंकों को बंद आंखों से केवल 24 सेकंड में बोलकर एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है। यह उपलब्धि न केवल कच्छ और गुजरात, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।
वह भुज के एक सामान्य परिवार से आते हैं, जो अब दुनिया भर में सबसे तेज और सबसे कम उम्र के बच्चे के रूप में प्रसिद्ध हो गए हैं। वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया ने उनकी इस उपलब्धि को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है, और उनका नाम विश्व रिकॉर्ड के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। उनके परिवार ने बताया कि उन्होंने 70 दिनों की गहन तैयारी में इस असंभव-सी उपलब्धि को हासिल किया।
इस दौरान उन्होंने योग प्रशिक्षक की मदद से 15 से 20 दिनों तक लगातार योग साधना की, जिसने उनकी एकाग्रता और मानसिक शांति को मजबूत किया। उनकी इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने युगवीर को बचपन से ही अनुशासन, समर्पण और निरंतर प्रोत्साहन देकर उसकी प्रतिभा को निखारा।