क्या विकसित भारत 2047 हेतु रणनीतिक रोडमैप का ‘मंथन 2025’ बदलाव लाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- रक्षा भूमि प्रबंधन में नई तकनीकों का समावेश
- डिजिटल सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
- सरकारी अधिकारियों व विशेषज्ञों का विचार-विमर्श
- 2 दिवसीय सम्मेलन का आयोजन
- विकसित भारत 2047 के लिए रणनीतिक रोडमैप
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्रालय का डिफेंस एस्टेट्स विभाग वर्तमान में देशभर में लगभग 18 लाख एकड़ रक्षा भूमि का प्रबंधन कर रहा है। इस प्रबंधन और उन्नत डिजिटल उपकरणों के उपयोग से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर एक विशेष मंथन का आयोजन किया जा रहा है। यह मंथन नई दिल्ली में होगा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसमें भाग लेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 18 सितंबर से इस विषय पर नई दिल्ली में एक विशेष दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘मंथन 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन का केंद्रीय विषय है – “स्ट्रेटेजिक रोडमैप टू विकसित भारत 2047,” अर्थात् विकसित भारत 2047 के लिए रणनीतिक रोडमैप।
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है – बदलते परिदृश्य में रक्षा भूमि प्रबंधन की नई भूमिका, उन्नत डिजिटल उपकरणों एवं तकनीकों के उपयोग से बेहतर शासन व्यवस्था और स्थायित्व को सुदृढ़ करना। पहले दिन उद्घाटन सत्र में रक्षा भूमि प्रशासन से जुड़े पिछले एक वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों और पहलों को प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, विकसित भारत 2047 के लिए रक्षा भूमि प्रबंधन का दीर्घकालिक रणनीतिक रोडमैप साझा किया जाएगा।
दूसरे दिन के आयोजन में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के विशेष सत्र होंगे। भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी, भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी, और भारत के उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सुबीर मलिक अपने विचार रखेंगे। इसके अलावा अन्य विचारकों एवं विशेषज्ञों द्वारा भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
भारत सरकार के विकसित भारत – 2047 के विजन के अनुरूप यह सम्मेलन रक्षा भूमि प्रबंधन को डिजिटल सशक्तीकरण, भविष्य-तैयारी और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। डिफेन्स एस्टेट्स विभाग भूमि शासन, नीतिगत निर्माण और रक्षा अवसंरचना हेतु सतत भूमि उपयोग सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
‘मंथन 2025’ सम्मेलन रक्षा भूमि प्रबंधन और छावनी प्रशासन को अधिक आधुनिक और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर प्रदान करेगा।