क्या 4 अगस्त को लालू परिवार के खिलाफ सुनवाई होगी?

सारांश
Key Takeaways
- लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 'जमीन के बदले नौकरी' का मामला गंभीर है।
- राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 4 अगस्त को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।
- इस मामले में कई प्रमुख राजनीतिक नेता शामिल हैं।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर सुनवाई टाली जा सकती है।
- इस मामले का राजनीतिक निहितार्थ भी महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 'जमीन के बदले नौकरी' मामले में 4 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। शनिवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चल रही सुनवाई को टालने का अनुरोध किया गया। हालांकि, 4 अगस्त को तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर उनके वकील बहस करेंगे।
शनिवार को लालू प्रसाद यादव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का संदर्भ देते हुए सुनवाई को टालने का अनुरोध किया। राऊज एवेन्यू कोर्ट में वकील ने बताया कि सुनवाई को दिल्ली हाईकोर्ट में मामले के निपटारे तक टाल दिया जाए।
वकील ने कहा कि लालू यादव की याचिका पर 12 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, तब तक के लिए लालू यादव के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई टाल दी जाए।
एके इंफोसिस्टम के वकील ने भी कोर्ट में अपनी बात रखी। वकील ने चेन्नई हाईकोर्ट, भुवनेश्वर, जयपुर और पटना कोर्ट की विभिन्न क्लोजर रिपोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी अदालत में एक भी अपील (एके इंफोसिस्टम के खिलाफ) दाखिल नहीं की गई।
वकील ने कहा कि अब दोबारा जांच की जाती है और अलग-अलग उदाहरण दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक भी दस्तावेज नहीं है, जो यह दिखाता हो कि एके इंफोसिस्टम के साथ कोई मीटिंग हुई थी।
फिलहाल, राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 4 अगस्त की तारीख निर्धारित की है।
'जमीन के बदले नौकरी' का मामला मूल रूप से एक घोटाला है, जहां लालू यादव ने अपने पद का दुरुपयोग किया था। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्रालय में नौकरी के बदले कुछ लोगों से सस्ते दामों पर जमीन लिखवाई थी। इस मामले में लालू के बेटों के अलावा लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती भी आरोपी हैं।