क्या एप्पल ने 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत को रिकॉर्ड 49 लाख आईफोन भेजे?

सारांश
Key Takeaways
- एप्पल ने 49 लाख आईफोन भेजे।
- आईफोन 17 सीरीज की सफलता का मुख्य कारण।
- भारत का 9 प्रतिशत ग्लोबल शिपमेंट में हिस्सा।
- 10 बिलियन डॉलर का निर्यात।
- मेक इन इंडिया का सकारात्मक प्रभाव.
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। टेक कंपनी एप्पल ने अपनी नई आईफोन 17 सीरीज की सफलता और त्योहारी सीजन की मांग के चलते भारत में अब तक की सबसे उच्चतम तिमाही शिपमेंट का रिकॉर्ड बनाया। कंपनी ने 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान देश में कुल 49 लाख स्मार्टफोन भेजे।
रिसर्च फर्म ओमडिया के अनुसार, यह आंकड़ा साल दर साल 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, जो भारतीय बाजार में एप्पल के सबसे मजबूत प्रदर्शन को इंगित करता है।
इस तिमाही में एप्पल के कुल ग्लोबल आईफोन शिपमेंट में भारत का हिस्सा 9 प्रतिशत रहा, जो अब तक का सबसे बड़ा हिस्सा है। यह भारत की वैश्विक रणनीति में बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
9 सितंबर को लॉन्च हुई आईफोन 17 सीरीज ने रिकॉर्ड बिक्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नए लाइनअप में कई महत्वपूर्ण कैमरा अपग्रेड शामिल हैं, जिनमें 48 मेगापिक्सल फ्यूजन मेन कैमरा और 48 मेगापिक्सल फ्यूजन अल्ट्रा-वाइड लेंस शामिल हैं, साथ ही प्रो-मोशन के साथ 6.3-इंच सुपर रेटिना एक्सडीआई डिस्प्ले भी है।
इस डिवाइस में बेहतर प्रदर्शन के लिए नया ए19 चिप और सिरेमिक शील्ड 2 तकनीक है, जो तीन गुना बेहतर स्क्रैच रेजिस्टेंस प्रदान करती है।
एप्पल द्वारा इस साल भारत में अपनी अब तक की सबसे अधिक त्यौहारी तिमाही दर्ज करने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि आईफोन 17 सीरीज की शुरुआती लोकप्रियता के कारण पिछले वर्ष की तुलना में बिक्री में 28 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में, एप्पल ने लगभग 10 बिलियन डॉलर (88,500 करोड़ रुपए से अधिक) मूल्य के आईफोन निर्यात किए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
यह सफलता सरकार की 'मेक इन इंडिया' और उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के प्रभावी प्रचार को दर्शाती है, जिसने एप्पल को तमिलनाडु और कर्नाटक में अपने मैन्युफैक्चरिंग बेस का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया है।
इस वर्ष भारत में उत्पादित लगभग 78 प्रतिशत आईफोन अमेरिका को निर्यात किए गए, जबकि एक वर्ष पहले यह आंकड़ा 53 प्रतिशत था।