क्या भारत के 93 एयरपोर्ट्स 100% ग्रीन एनर्जी का उपयोग कर रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के 93 हवाई अड्डे अब 100% ग्रीन एनर्जी का उपयोग कर रहे हैं।
- दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट्स ने कार्बन न्यूट्रल का स्तर प्राप्त किया है।
- सरकार ने सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
- ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नीति के तहत नए एयरपोर्ट के विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के 93 हवाई अड्डे अब 100 प्रतिशत हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) का उपयोग कर रहे हैं। इसका अर्थ है कि इन एयरपोर्ट्स पर बिजली और ऊर्जा की आवश्यकताएँ स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से पूरी की जा रही हैं। यह जानकारी सरकार ने शुक्रवार को साझा की।
नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में बताया कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु एयरपोर्ट्स ने कार्बन उत्सर्जन कम करने का सबसे ऊँचा स्तर (लेवल 5) प्राप्त कर लिया है। ये एयरपोर्ट अब कार्बन न्यूट्रल बन चुके हैं, अर्थात् इनसे वातावरण को हानि पहुँचाने वाली गैसें लगभग नगण्य निकलती हैं।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ) को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसके तहत सामान्य विमान ईंधन में 2027 तक 1 प्रतिशत, 2028 तक 2 प्रतिशत और 2030 तक 5 प्रतिशत ग्रीन ईंधन मिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री ने बताया कि सरकार ने देशभर में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास के लिए एक नीति तैयार की है। इसके अंतर्गत यदि कोई राज्य सरकार या निजी कंपनी नया एयरपोर्ट बनाना चाहती है, तो उसे नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) को प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने कहा कि नए और पुराने एयरपोर्ट्स का विकास विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा। इससे दूर-दराज के क्षेत्रों को देश-दुनिया से जोड़ा जा सकेगा, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसे प्रमुख ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी में सुधार, आस-पास के क्षेत्रों में उद्योग, शहरों का विकास और निवेश में वृद्धि होगी। इसके साथ ही यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और लॉजिस्टिक्स हब बनाने में भी मदद करेगा।
सरकार ‘मेक इन इंडिया’ योजना के अंतर्गत भारत में विमान और उससे जुड़े सामान बनाने को भी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए जीएसटी