क्या भारत में 10 करोड़ से अधिक महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर जांच हुई?

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क्या भारत में 10 करोड़ से अधिक महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर जांच हुई?

सारांश

भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की रोकथाम के लिए 10 करोड़ से ज्यादा महिलाओं की जांच की गई है। जानिए सरकार के प्रयासों और इसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • 10.18 करोड़ से ज्यादा महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच की गई।
  • यह जांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में की गई है।
  • सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत में होता है।
  • सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को जोड़ा है।
  • जांच की विधि वीआईए है।

नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत में सर्वाइकल कैंसर और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। संसद के मानसून सत्र के दौरान, सरकार ने जानकारी दी कि भारत में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, जिसे सर्वाइकल कैंसर भी कहा जाता है, की रोकथाम के लिए अब तक 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र की 10.18 करोड़ से अधिक महिलाओं की जांच की जा चुकी है।

यह जांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) में की गई, जो कि सरकार द्वारा स्थापित स्वास्थ्य केंद्र हैं।

जानकारी के अनुसार, विश्वभर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत में होता है; इसका मुख्य कारण समय पर जानकारी न मिलना और उपचार में देरी होना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा, "20 जुलाई तक, नेशनल एनसीडी पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र की 25.42 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें कैंसर की जांच की आवश्यकता है। अब तक 10.18 करोड़ महिलाओं की जांच हो चुकी है।"

उन्होंने आगे कहा, "ये आंकड़े दर्शाते हैं कि सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से लोगों को बीमारी से पहले ही बचाने और जांच कराने की सुविधा मुहैया करवा रही है।"

यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जांच करना, बीमारी को रोकना और इलाज करना है।

जाधव ने लोकसभा में बताया, "यह योजना 30 से 65 साल की महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इन महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की जांच वीआईए (विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड) नामक एक सरल और सस्ती विधि से की जाती है। यह जांच आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के तहत स्थापित सब-हेल्थ सेंटर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में की जाती है। यदि किसी महिला की वीआईए रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उसे बड़े अस्पतालों में भेजा जाता है, जहाँ उसकी आगे की जांच और इलाज किया जाता है।"

सरकार ने गांवों और छोटे इलाकों में सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा है, जो घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक करती हैं और जांच में मदद करती हैं, ताकि रोग समय पर पकड़ा जा सके और रोका जा सके।

Point of View

यह कहना उचित है कि सरकार की यह पहल महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति एक सकारात्मक कदम है। सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता और जांच की आवश्यकता है। यह योजना न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी साबित होगी।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत में सर्वाइकल कैंसर की जांच का कार्यक्रम कब शुरू हुआ?
यह कार्यक्रम हाल ही में सक्रिय हुआ है, जिसमें 30 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं की जांच की जा रही है।
सरकार ने कितनी महिलाओं की जांच की है?
सरकार ने अब तक 10.18 करोड़ महिलाओं की जांच की है।
सर्वाइकल कैंसर की जांच कैसे की जाती है?
यह जांच वीआईए (विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड) विधि से की जाती है।
क्या ग्रामीण क्षेत्रों में भी जांच की जा रही है?
हाँ, आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की जांच की जा रही है।
सरकार का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सरकार का उद्देश्य जांच करना, बीमारी को रोकना और इलाज करना है।