क्या भारत में करीब 76,000 स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं?: केंद्रीय मंत्री

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क्या भारत में करीब 76,000 स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं?: केंद्रीय मंत्री

सारांश

भारत में महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप्स की संख्या 76,000 तक पहुंच चुकी है। इस वृद्धि में टियर 2 और टियर 3 शहरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जानिए इस सशक्तिकरण की कहानी और इसके पीछे की वजहें।

Key Takeaways

  • 76,000 स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जा रहा है।
  • सशक्तिकरण के चार स्तंभों पर आधारित सरकार की योजनाएं।
  • महिलाओं के लिए आर्थिक और सामाजिक सम्मान में वृद्धि।
  • महिला-केंद्रित शासन से समाज में सकारात्मक बदलाव।
  • वित्तीय संसाधनों तक पहुंच में बढ़ोतरी

नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत में आज लगभग 76,000 स्टार्टअप का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। इनमें से एक बड़ी संख्या टियर 2 और टियर 3 शहरों से है।

डॉ. सिंह ने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग सशक्त महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में निर्धारित होगा।

राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने अपने शासन को चार मुख्य स्तंभों पर केंद्रित किया है, जिसमें गरीब, किसान, युवा और महिला शामिल हैं।

उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, "महिला-केंद्रित शासन ने न केवल व्यक्तियों को सशक्त किया है, बल्कि समाज को भी नया रूप दिया है। यह लक्षित कल्याण का कार्य अब संस्थागत नेतृत्व में विकसित हो गया है।"

केंद्रीय मंत्री ने महिलाओं के लिए सुलभ शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 'जीविका ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम ऐप' लॉन्च किया और "सशक्त महिला, समृद्ध बिहार" नामक प्रकाशन का अनावरण किया, जो बिहार में महिलाओं के योगदान की जानकारी देता है।

डॉ. सिंह ने महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार के व्यापक दृष्टिकोण पर चर्चा की, जो चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।

पहले चरण में "संस्थानों में पहुंच और समावेशन" ने भारत के शैक्षिक और सैन्य परिदृश्य में महिलाओं की पहुंच सुनिश्चित की है।

दूसरे चरण, "वैज्ञानिक और तकनीकी सशक्तिकरण" ने डब्ल्यूआईएसई, जीएटीआई, सीयूआरआईई और महिला वैज्ञानिक कार्यक्रम जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया है।

तीसरे चरण, "आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण" ने महिलाओं की वित्तीय संसाधनों तक पहुंच में वृद्धि की है। 48 करोड़ से अधिक जन धन खाते महिलाओं के नाम खोले गए हैं, जबकि मुद्रा योजना के 60 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिला उद्यमी हैं।

स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से 3 करोड़ से ज्यादा 'लखपति दीदियों' का निर्माण ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव ला रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, महिलाओं के नाम पर दर्ज घर न केवल आश्रय प्रदान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक और सामाजिक सम्मान भी दे रहे हैं।

चौथे चरण "कार्यस्थल सुधार और कानूनी संवेदनशीलता" के तहत सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी शासन उपायों की शुरुआत की गई है। इनमें सरकारी सेवा में कार्यरत महिलाओं के लिए छह महीने का सवेतन बाल देखभाल अवकाश, अविवाहित या तलाकशुदा बेटियों को पेंशन अधिकार और मृत शिशुओं के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश का प्रावधान शामिल है।

Point of View

बल्कि यह आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से देश को एक समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने की संभावना बढ़ी है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत में कितने स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं?
भारत में लगभग 76,000 स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।
महिलाओं के लिए कौन से प्रमुख सशक्तिकरण कार्यक्रम हैं?
महिलाओं के लिए डब्ल्यूआईएसई, जीएटीआई, और सीयूआरआईई जैसे कई सशक्तिकरण कार्यक्रम हैं।
महिलाओं की आर्थिक स्थिति में क्या सुधार हुआ है?
महिलाओं के लिए 48 करोड़ से अधिक जन धन खाते खोले गए हैं और मुद्रा योजना के 60 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं।