क्या भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुले? सेंसेक्स-निफ्टी की शुरुआत सुस्त रही

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क्या भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुले? सेंसेक्स-निफ्टी की शुरुआत सुस्त रही

सारांश

भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को लाल निशान में शुरुआत की। क्या यह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेगा? जानें बाजार की ताजा स्थिति और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत।

Key Takeaways

  • सेंसेक्स और निफ्टी ने लाल निशान में शुरुआत की।
  • बिकवाली के कारण विभिन्न सेक्टर्स प्रभावित हुए।
  • अमेरिकी फेड की नीति का भारतीय बाजार पर कोई खास असर नहीं।
  • बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी को 25,900–26,000 के सपोर्ट जोन से ऊपर रहना होगा।

मुंबई, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने गुरुवार के कारोबारी दिन सुस्त शुरुआत के साथ लाल निशान में प्रवेश किया। शुरुआती कारोबार में निफ्टी फार्मा, ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर्स में बिकवाली का सामना कर रहा था।

अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर दिखाई नहीं दिया। फेड चेयरमैन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए उम्मीद के मुताबिक नीति दर पर निर्णय लिया। ताजा कटौती के बाद अमेरिका में ब्याज दरें 3.75 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के बीच आ गई हैं।

सुबह करीब 9 बजकर 40 मिनट पर सेंसेक्स 355.57 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,641.56 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 113.65 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,940.25 के स्तर पर बना हुआ था।

कारोबारी सत्र की शुरुआत में निफ्टी बैंक 199.55 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,185.70 पर था। दूसरी ओर, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 151.50 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,997.55 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 12.20 अंक या 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,475.35 पर था।

बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि तकनीकी दृष्टि से निफ्टी तब तक साइडवेज-टू-बुलिश बना रहेगा जब तक यह 25,900–26,000 के सपोर्ट जोन से ऊपर बना रहता है। ऊपर की ओर तुरंत रेजिस्टेंस 26,100–26,200 के आसपास है। यदि यह रेंज पार करता है, तो शॉर्ट टर्म में 26,300–26,400 की ओर बढ़ने का रास्ता खुल सकता है।

इस बीच, सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, सनफार्मा, आईटीसी, टाटा स्टील, इंफोसिस और पावरग्रिड शीर्ष हारे हुए थे। वहीं, एलएंडटी, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व शीर्ष लाभार्थी रहे।

एशियाई बाजारों की बात करें तो जकार्ता, सोल, जापान, चीन और हांगकांग के बाजार हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि बैंकॉक लाल निशान में था।

अमेरिकी बाजारों की स्थिति की बात करें तो आखिरी कारोबारी दिन डाउ जोंस 0.16 प्रतिशत या 74.37 अंक की गिरावट के बाद 47,632.00 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 0.30 अंक की मामूली गिरावट के बाद 6,890.59 पर और नैस्डेक 0.55 प्रतिशत या 130.98 अंक की तेजी के बाद 23,958.47 पर बंद हुआ।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 29 अक्टूबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 2,540.16 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने इसी दिन शुद्ध खरीदार बने रहे और उन्होंने 5,692.81 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।

Point of View

हमें यह समझना आवश्यक है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं। वर्तमान में, निवेशकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। हमें बाजार के संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निवेश करना चाहिए।
NationPress
30/10/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय शेयर बाजार क्यों गिर रहा है?
बाजार में गिरावट का कारण वैश्विक आर्थिक संकेतों और स्थानीय बिकवाली हो सकती है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
क्या सेंसेक्स फिर से बढ़ेगा?
सेंसेक्स के बढ़ने की संभावना बाजार के संकेतों और वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर निर्भर करती है।