क्या एफपीआई ने बीते हफ्ते 16,422 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट से निकाले? जल्द सेंटीमेंट में आएगा बदलाव: एनालिस्ट

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क्या एफपीआई ने बीते हफ्ते 16,422 करोड़ रुपए इक्विटी मार्केट से निकाले? जल्द सेंटीमेंट में आएगा बदलाव: एनालिस्ट

सारांश

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पिछले हफ्ते 16,422 करोड़ रुपए की निकासी की है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर नीति परिवर्तन है। यह स्थिति भारतीय बाजार में तेजी से गिरावट का कारण बनी है। एनालिस्ट मानते हैं कि जल्द ही बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है।

Key Takeaways

  • एफपीआई ने 16,422 करोड़ रुपए निकाले।
  • उच्च वैल्यूएशन और नीतिगत परिवर्तन मुख्य कारण।
  • भारतीय रुपए में गिरावट का दबाव।
  • आय वृद्धि में सुधार की उम्मीद।
  • बाजार में जल्द सकारात्मक बदलाव की संभावना।

मुंबई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले हफ्ते इक्विटी से 16,422 करोड़ रुपए की निकासी की है। इसका प्रमुख कारण उच्च वैल्यूएशन और अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर नीतिगत परिवर्तन है। यह जानकारी रविवार को एनालिस्ट द्वारा दी गई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की थीं, जिसमें नए एच-1बी वीजा आवेदनों के लिए 1,00,000 डॉलर की फीस और ब्रांडेड दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ शामिल है।

विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी के कारण बेंचमार्क सूचकांकों में सात महीनों में सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली है।

एनालिस्ट ने बताया कि इसका कारण एफपीआई की बिकवाली के साथ-साथ वैश्विक अनिश्चितता और कुछ सेक्टर्स का खराब प्रदर्शन रहा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने पिछले एक साल में भारत से 21 अरब डॉलर निकाले हैं, जो इस अवधि में उभरते बाजारों में सबसे बड़ी निकासी है।

उन्होंने यह भी कहा, "इस एफपीआई आउटफ्लो ने डॉलर के मुकाबले रुपए में 3.5 प्रतिशत की गिरावट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अन्य बाजारों की तुलना में भारत में उच्च मूल्यांकन और धीमी आय वृद्धि एफपीआई की निकासी के प्रमुख कारण हैं।"

2025 के पहले तीन महीनों में एफपीआई विक्रेता रहे और अगले तीन महीनों में वे खरीदार बन गए। लेकिन जुलाई, अगस्त और सितंबर में अभी तक वे फिर से विक्रेता बन गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं के मूल्यवृद्धि के विपरीत, भारतीय रुपए के मूल्यह्रास ने दबाव को और बढ़ा दिया है।

एनालिस्ट ने कहा कि रिकॉर्ड ऑटोमोबाइल बुकिंग, कम जीएसटी दरें और सस्ता ऑटोमोटिव लोन बाजार में सुधार को बढ़ावा दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इससे आय में बेहतर वृद्धि होगी और रुपए में और गिरावट की संभावना नहीं है।

विजयकुमार ने कहा, "यह मान लेना सही होगा कि हम एफपीआई निकासी के निम्नतम स्तर के करीब हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि भारत में आय वृद्धि वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही से बढ़ने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2027 में गति पकड़ेगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि विदेशी निवेशकों की निकासी भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव डाल रही है। हालांकि, हमारे पास सकारात्मक संकेत हैं जो यह दर्शाते हैं कि भारत का बाजार जल्द ही स्थिरता की ओर बढ़ सकता है।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

एफपीआई की निकासी का मुख्य कारण क्या है?
एफपीआई की निकासी का मुख्य कारण उच्च वैल्यूएशन और अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा पर नीतिगत परिवर्तन है।
क्या भारतीय रुपए और भी कमजोर होगा?
हालांकि वर्तमान में रुपए में गिरावट देखी जा रही है, एनालिस्ट का मानना है कि आगे की संभावनाएं बेहतर हैं।