क्या गौतम अदाणी ने धनबाद में दिव्यांगजनों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग और क्लाउड किचन का उद्घाटन किया?
सारांश
Key Takeaways
- गौतम अदाणी का धनबाद में दिव्यांगजनों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन
- दिव्यांग बच्चों के लिए पहला कदम स्कूल का दौरा
- तीन वर्षों तक प्रति वर्ष एक करोड़ रुपए का समर्थन
- झारखंड में नए निवेश के अवसर
- एनर्जी ट्रांजिशन में 75 अरब डॉलर का निवेश
धनबाद, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन और संस्थापक गौतम अदाणी ने मंगलवार को दिव्यांगजनों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और क्लाउड किचन का उद्घाटन किया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद में शताब्दी समारोह में शिरकत करते हुए गौतम अदाणी ने "पहला कदम" का दौरा किया, जो कि नारायणी चैरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षण में दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित एक स्कूल है।
अदाणी समूह के चेयरमैन ने पहला कदम में दिव्यांगजनों के लिए खाद्य एवं पेय पदार्थों की वोकेशनल ट्रेनिंग का उद्घाटन किया।
पहला कदम की निदेशक अनीता अग्रवाल ने गौतम अदाणी के इस दौरे की सराहना की।
अग्रवाल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया, "दिव्यांगों के काम, उनके खर्च और उनके साथ किए जा रहे व्यवहार को देखने के बाद गौतम अदाणी ने पहला कदम को तीन वर्षों तक प्रति वर्ष एक करोड़ रुपए देने का वादा किया है।"
अग्रवाल ने इसे अपनी एक "बड़ी उपलब्धि" बताते हुए कहा, "मेरे पास उनके (गौतम अदाणी) लिए शब्द नहीं हैं। उन्होंने प्रत्येक बच्चे से बातचीत की और उनसे हाथ मिलाया। बच्चों के प्रति उनका प्यार देखकर मैं दंग रह गई कि इतने बड़े उद्यमी, जिनके पास समय की कमी है, उन्होंने इन बच्चों के साथ इतना समय बिताया।"
इसके अतिरिक्त, मीडिया से बातचीत करते हुए अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, "झारखंड और धनबाद में बड़े अवसर मौजूद हैं और आने वाले समय में राज्य काफी आगे जाएगा।" वहीं, धनबाद में अदाणी ग्रुप के निवेश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जल्द निवेश आएगा।
इससे पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद में शताब्दी समारोह में बोलते हुए गौतम अदाणी ने कहा था कि अदाणी ग्रुप अगले पांच वर्षों में एनर्जी ट्रांजिशन में 75 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा।
गौतम अदाणी ने बताया कि ग्लोबल ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन हमारे समय का सबसे बड़ा उद्योग बनकर उभर रहा है, जिसका मूल्य आने वाले दशकों में कई ट्रिलियन डॉलर होगा।