क्या जीसीसी 2030 तक भारत की जीडीपी में 2 प्रतिशत का योगदान देंगे और 28 लाख नौकरियां उत्पन्न करेंगे?

Click to start listening
क्या जीसीसी 2030 तक भारत की जीडीपी में 2 प्रतिशत का योगदान देंगे और 28 लाख नौकरियां उत्पन्न करेंगे?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि जीसीसी 2030 तक भारत की जीडीपी में 2 प्रतिशत का योगदान दे सकते हैं? हाल ही की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, जिसमें 28 लाख नई नौकरियों की संभावना का भी उल्लेख है। जानें इस महत्वपूर्ण विषय के बारे में।

Key Takeaways

  • जीसीसी का भारत की जीडीपी में 2 प्रतिशत योगदान।
  • 28 लाख नई नौकरियों का सृजन।
  • भारत में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में वृद्धि।
  • कुशल कार्यबल और डिजिटल परिवर्तन का लाभ।
  • ग्लोबल फाइनेंस नौकरियों का विस्तार।

नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) 2030 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2 प्रतिशत का योगदान देने और 28 लाख नई नौकरियां उत्पन्न करने की संभावना है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।

चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (एसीसीए) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जीसीसी बैक-ऑफिस सपोर्ट हब से ग्लोबल वैल्यू क्रिएटर्स के रूप में उभरे हैं, जो अब वैश्विक कंपनियों के लिए इनोवेशन, टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट, और रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेंटर्स के रूप में कार्य कर रहे हैं।

जीसीसी भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देते हुए उच्च गुणवत्ता वाली फाइनेंस नौकरियां सृजित कर रहे हैं और वैश्विक परिचालनों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये दुनिया भर की टीमों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुशल कार्यबल, टियर-2 शहरों में विस्तार, अनुकूल सरकारी नीतियां और बेहतर बुनियादी ढांचा भारत को वैश्विक कार्यालय हब के रूप में उभरने में मदद कर रहे हैं।

वित्त वर्ष 24 में जीसीसी ने लगभग 64.6 बिलियन डॉलर का निर्यात राजस्व प्राप्त किया, जो वित्त वर्ष 23 के 46 बिलियन डॉलर से 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

एसीसीए के भारत निदेशक, मोहम्मद साजिद खान ने कहा, "हमारा शिक्षित कार्यबल, राजनीतिक रूप से स्थिर व्यावसायिक वातावरण, युवा आबादी और डिजिटल परिवर्तन क्षमताओं के कारण भारत जीसीसी के लिए आदर्श वातावरण है।"

उन्होंने आगे कहा कि यह विशेष रूप से वित्त पेशेवरों के लिए बड़ा अवसर है और उच्च कौशल एवं वित्त कार्यों को समझने वाले, डेटा और डिजिटल उपकरणों से परिचित और व्यावसायिक एवं आलोचनात्मक सोच का उपयोग करने में सक्षम लोगों की भारी मांग है।

जैसे-जैसे जीसीसी विकसित हो रहे हैं, वित्तीय भूमिकाएं पारंपरिक सीमाओं से कहीं आगे तक फैल रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय पेशेवरों के लिए प्रवेश स्तर की भूमिकाएं डेटा विश्लेषण, वित्तीय योजना, और अनुपालन प्रबंधन पर केंद्रित हैं, वहीं मध्य स्तर की भूमिकाएं प्रक्रिया सुधार और परिवर्तन को गति देने पर केंद्रित हो रही हैं।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि जीसीसी का विकास न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी भारत को एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा।
NationPress
29/07/2025

Frequently Asked Questions

जीसीसी क्या हैं?
जीसीसी का मतलब ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर है, जो कंपनियों को वैश्विक स्तर पर संचालन में मदद करता है।
जीसीसी भारत की जीडीपी में कितना योगदान देगा?
जीसीसी 2030 तक भारत की जीडीपी में 2 प्रतिशत का योगदान देने का अनुमान है।
जीसीसी से कितनी नौकरियां उत्पन्न होंगी?
जीसीसी से लगभग 28 लाख नई नौकरियों के सृजन की उम्मीद है।
जीसीसी का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जीसीसी भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देते हुए उच्च गुणवत्ता वाली फाइनेंस नौकरियां सृजित करेगा।
भारत में जीसीसी के विकास के लिए क्या कारण हैं?
भारत में कुशल कार्यबल, अनुकूल सरकारी नीतियां और बेहतर बुनियादी ढांचा जीसीसी के विकास के प्रमुख कारण हैं।