क्या जीएसटी सुधार से एमएसएमई के लिए लागत और जटिलता में कमी आएगी, अनुपालन में सुधार होगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी सुधार से लागत और जटिलता में कमी आएगी।
- उपभोक्ताओं को वस्तुओं पर कर में कटौती का लाभ मिलेगा।
- भारत-यूएस व्यापार वार्ता जारी रहेगी।
- भारत-चीन संबंधों में सुधार की संभावनाएँ हैं।
- नीतिगत समर्थन से उपभोक्ता क्षेत्र का प्रदर्शन बढ़ रहा है।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी टैरिफ के कारण उत्पन्न अनिश्चितता में जीएसटी सुधार लाने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और एमएसएमई को इसका लाभ मिलेगा। यह जानकारी सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में साझा की गई।
एसबीआई म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी काउंसिल ने टैक्स संरचना में तीन स्लैब- 5 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 40 प्रतिशत निर्धारित किए हैं। इससे विशेष रूप से एमएसएमई के लिए अनुपालन में सुधार की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही, जटिलता और लागत में भी कमी आएगी।
उपभोक्ताओं के लिए, दैनिक उपयोग की वस्तुओं, छोटी कारों, दोपहिया वाहनों, स्वास्थ्य बीमा, कृषि उपकरण और सीमेंट समेत कई श्रेणियों में कर दरों में कटौती का लाभ मिलेगा।
सरकार ने यह सुधार व्यक्तिगत आयकर में कटौती और खुदरा ऋण मानदंडों को आसान बनाने जैसे उपायों के बाद किए हैं, जिससे मांग में और भी बूस्ट मिलने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत समर्थन से प्रेरित, उपभोक्ता-केंद्रित क्षेत्र पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
भारत-यूएस व्यापार समझौते पर रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता जारी रखेगी, लेकिन अन्य देशों में विविधीकरण को बढ़ाने पर ध्यान भी देना होगा, क्योंकि वैश्विक व्यापार में अमेरिका की हिस्सेदारी में कमी आने की संभावना है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन संबंधों में हालिया सामान्यीकरण दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों की संभावनाएँ दर्शाता है।
वर्तमान में, भारत का चीन के साथ 100 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार घाटा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा इस अधिशेष का कुछ भाग एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के माध्यम से भारत में वापस लाना दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
इसके अनुसार, भारत अपने विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने और रोजगार सृजन के लिए पूंजी और तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर सकता है, जबकि चीन को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था तक पहुँच प्राप्त होगी।
हालांकि, इसमें कुछ क्षेत्रों में डंपिंग के खिलाफ स्थानीय उद्योग की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के बीच संतुलन बनाना भी आवश्यक है।