क्या एलवीएम3-एम6 की सफलता पर उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने इसरो को बधाई दी?
सारांश
Key Takeaways
- एलवीएम3-एम6 का सफल लॉन्च भारत की तकनीकी क्षमता का प्रमाण है।
- यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- भारत की हेवी-लिफ्ट क्षमताएँ बढ़ रही हैं।
- इसरो ने अंतरिक्ष में भारत की अग्रणी भूमिका को और मजबूत किया है।
- उपराष्ट्रपति और मंत्रियों ने इस उपलब्धि की सराहना की।
नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एलवीएम3-एम6 के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को देशभर से बधाई का दौर जारी है। भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन के साथ कई केंद्रीय मंत्रियों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने एक्स पर इसरो द्वारा यूएस स्पेसक्राफ्ट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 को ले जाने वाले एलवीएम3-एम6 के सफल प्रक्षेपण की तारीफ की। उन्होंने लिखा, "यह ऐतिहासिक मिशन, जिसने भारतीय धरती से लॉन्च किए गए सबसे भारी सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया है, अंतरिक्ष तकनीक में भारत की नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करता है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक गर्व का कदम है, जिससे भारत अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।"
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने लिखा, "भारत के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि इसरो ने एलवीएम3-एम6 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह भारतीय धरती से अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है, जो भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे भारत की अंतरिक्ष शक्ति का प्रतीक बताया, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे आत्मनिर्भर भारत की सफलता कहा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "सफल एलवीएम3-एम6 मिशन भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।" रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत सरकार की अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत करने की प्रतिबद्धता का उदाहरण बताया।
पीयूष गोयल ने इसे भारत की अंतरिक्ष में लंबी छलांग बताया, जबकि किरन रिजिजू ने इसे सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण कहा।