क्या केंद्र सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर के विकास और सप्लाई चेन को मजबूत करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- सरकार का फोकस ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास पर है।
- रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जाएंगे।
- बाजार का विस्तार किया जाएगा।
- ग्राहकों के लिए बेहतर सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
- स्थानीय उपस्थिति बनाए रखने का प्रस्ताव है।
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार का फोकस ऑटोमोबाइल उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने, रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने और बाजार की पहुँच को विस्तारित करने पर है।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के सातवें ऑटो रिटेल कॉन्क्लेव और चौथे फाइनेंस एंड इंश्योरेंस समिट के उद्घाटन समारोह में मंत्री गोयल ने कहा कि ऑटोमोबाइल रिटेल सेक्टर उपभोक्ता और उद्योग के बीच एक पुल का काम करता है, जो मार्केटिंग नैतिकता, उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं, उचित वित्तपोषण और बीमा शर्तों तथा बेहतर रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि यह सेक्टर ग्राहकों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के बीच एक सेतु का कार्य करता है और कंपनियों की विश्वसनीयता डीलर के कार्य करने के तरीके पर निर्भर करती है।
मंत्री गोयल ने यह भी कहा कि ऑटोमोबाइल की कीमतों में कमी के साथ जीएसटी सुधार का लाभ २२ सितंबर से ग्राहकों को मिलेगा।
उन्होंने बिक्री के बाद की सेवा, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और ग्राहकों के लिए निरंतर समर्थन पर जोर दिया।
गोयल ने कहा कि कई बार कंपनियां भारत में काम शुरू करती हैं, लेकिन कुछ समय बाद ही काम छोड़ देती हैं, जिससे ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, "ऐसी परिस्थितियों में ग्राहकों की चिंताओं को सुलझाने की जिम्मेदारी डीलर्स की होती है।"
उन्होंने सुझाव दिया कि एक फ्रेमवर्क या चार्टर तैयार किया जाए, जिसके तहत भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों को संचालन बंद करने से पहले स्थानीय उपस्थिति बनाए रखने और बिक्री के बाद सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
इससे ग्राहकों की निराशा कम होगी और ऑटोमोबाइल सेक्टर की विश्वसनीयता में वृद्धि होगी।
गोयल ने बताया कि भारत कई विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर वार्ता कर रहा है और वैश्विक कंपनियों से निवेश आकर्षित करने के प्रयास कर रहा है।
उन्होंने घरेलू उद्योग और निर्माताओं का समर्थन करते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा निष्पक्ष होनी चाहिए, क्योंकि यह दक्षता, उत्पाद की गुणवत्ता और उपभोक्ता की पसंद को बढ़ाती है।
मंत्री गोयल ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि तब होगी जब वैश्विक कंपनियां अपने उत्पादों को भारतीय बाजार में परीक्षण कर सकेंगी, जिससे बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा। मुख्य उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को मजबूत करना और बाजार को विस्तारित करना है।
उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर से स्वदेशी और भारत में निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।