क्या एनआईटी राउरकेला ने इंसानों से बात करने वाले स्वदेशी एआई रोबोट के लिए पेटेंट हासिल किया?
सारांश
Key Takeaways
- एनआईटी राउरकेला का रोबोट मानव व्यवहार की नकल करता है।
- यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है।
- इशारों और हाव-भाव को समझने की क्षमता।
- सभी आयु वर्ग के लिए उपयोगी।
- अनुमानित लागत ₹80,000 से ₹90,000।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) राउरकेला के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नवीनतम रोबोटिक सिस्टम तैयार किया है जो इंसानों की तरह संवाद करने और व्यवहार करने में सक्षम है।
इस प्रणाली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) का प्रयोग करते हुए मानव-मशीन संवाद को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। यह सिस्टम उपयोग में सरल है और रोज़मर्रा की भाषा को समझने, निर्देशों का पालन करने, सवालों के उत्तर देने और पूर्व निर्धारित उत्तरों से आगे बढ़कर वास्तविक समय में संवाद करने में सक्षम है।
इसके अलावा, यह सिस्टम हाथ हिलाने और हाथ उठाने जैसे सामान्य इशारों को भी समझ सकता है और उसी के अनुसार सही प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। यह विशेषता रोबोट को सभी आयु वर्ग के उपयोगकर्ताओं जैसे बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुलभ बनाती है, जो बोले गए आदेशों के बजाय इशारों पर अधिक निर्भर हो सकते हैं।
यह सिस्टम संवाद के दौरान उपयोगकर्ताओं का अभिवादन कर सकता है, दिशा-निर्देश दे सकता है और एक सहज सुनने योग्य आवाज में उत्तर दे सकता है। यह रोबोट उपयोगकर्ता इनपुट जैसे दिए गए कमांड या टेक्स्ट पर आधारित सवालों को प्रोसेस करने के लिए रैस्पबेरी पाई सिस्टम का उपयोग करता है।
एलएलएम इस इनपुट का विश्लेषण करता है, संदर्भ तय करता है, और फिर एक इंसान की तरह उत्तर देता है। इसके बाद गूगल टेक्स्ट-टू-स्पीच की सहायता से रोबोट के बोलने वाले सिस्टम से यह आउटपुट दिया जाता है।
इस सिस्टम के बारे में एनआईटी राउरकेला के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनूप नंदी ने बताया। उन्होंने कहा, “यह रोबोटिक सिस्टम भारत सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों के अनुरूप है। एनआईटी राउरकेला का यह रोबोट अन्य सिस्टमों की तुलना में एक विशेष इंटीग्रेटेड फ्रेमवर्क प्रस्तुत करता है जो भारतीय संदर्भ के लिए उपयुक्त है। यह सस्ती दर पर उपलब्ध है और लोगों के हाव-भाव, आवाज, और एलएलएम आधारित संवाद को जोड़ता है।”
रोबोट की गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए इसमें व्हील वाला प्लेटफॉर्म और नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है। साथ ही, बिल्ट-इन डिस्टेंस-सेंसिंग मॉड्यूल इसे बाधाओं से बचने और भीड़भाड़ वाले वातावरण में सुरक्षित रूप से चलने में सक्षम बनाता है।
इस सिस्टम के उपयोग की विभिन्न सामाजिक परिवेशों में व्यापक संभावनाएँ हैं। घरेलू सेटिंग में, यह रोबोट बुजुर्गों की सहायता कर सकता है, इशारों और चेहरे के हाव-भाव को पहचान सकता है, साथी की तरह व्यवहार कर सकता है, और सरल आदेशों का उत्तर दे सकता है।
शैक्षणिक संस्थानों में, यह छात्रों के साथ इशारों के माध्यम से संवाद कर एक लर्निंग मॉड्यूल के रूप में कार्य कर सकता है और जटिल विषयों के लिए संवाद-आधारित व्याख्याएँ प्रदान कर सकता है। इसके अलावा, अस्पतालों, कार्यालयों और समुदायों में भी यह रोबोट एक मित्र की तरह सहायता कर सकता है।
एनआईटी राउरकेला में विकसित इस रोबोट की अनुमानित कीमत निर्माण के पैमाने और घटकों के अनुकूलन के आधार पर ₹80,000 से ₹90,000 के बीच होने की संभावना है।