क्या डाक विभाग और एएमएफआई म्यूचुअल फंड वितरित करने में सफल होंगे?

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क्या डाक विभाग और एएमएफआई म्यूचुअल फंड वितरित करने में सफल होंगे?

सारांश

डाक विभाग और एएमएफआई ने म्यूचुअल फंड के वितरण के लिए एक नई साझेदारी की है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है। जानिए कैसे यह समझौता ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में निवेश की पहुंच को बढ़ाएगा।

Key Takeaways

  • डाक विभाग और एएमएफआई ने म्यूचुअल फंड वितरण के लिए साझेदारी की।
  • यह पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी।
  • समझौता ज्ञापन 2025 से 2028 तक वैध रहेगा।
  • डाक विभाग के कर्मचारी म्यूचुअल फंड वितरक के रूप में कार्य करेंगे।
  • निवेशक डेटा और सेवा अखंडता के लिए सुरक्षा उपाय शामिल हैं।

नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। डाक विभाग (डीओपी) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इंक्लूजन) को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, डाकघरों के माध्यम से म्यूचुअल फंड वितरित करने के लिए साझेदारी की है।

मुंबई में एएमएफआई के 30वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान, डीओपी और एएमएफआई ने एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

यह समझौता ज्ञापन 22 अगस्त, 2025 से 21 अगस्त, 2028 तक तीन वर्षों के लिए वैध रहेगा, जिसमें रिन्यूअल के प्रावधान भी शामिल हैं।

इसमें निवेशक डेटा और सेवा अखंडता के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय शामिल हैं, जो भारत के वित्तीय सेवा परिदृश्य में परिचालन उत्कृष्टता के लिए एक नया मानक स्थापित करता है।

यह ऐतिहासिक समझौता एक नए सेवा मॉडल की शुरुआत का प्रतीक है, जहां भारतीय डाक अपने व्यापक डाक नेटवर्क के माध्यम से म्यूचुअल फंड निवेश की सुविधा के लिए एक वितरक के रूप में कार्य करेगा, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को लाभ होगा।

संचार मंत्रालय के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य देशभर के डाकघरों के विश्वास और पहुंच का लाभ उठाते हुए म्यूचुअल फंड उत्पाद तक पहुंच को व्यापक बनाना है।

इस समझौते के तहत, डाक विभाग के कर्मचारी म्यूचुअल फंड वितरक के रूप में कार्य करेंगे ताकि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड की पहुंच बढ़ाई जा सके, जहां संरचित वित्तीय उत्पादों तक पहुंच पारंपरिक रूप से सीमित रही है।

भारतीय डाक की देशभर के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में व्यापक उपस्थिति है, जहां म्यूचुअल फंड निवेश के बारे में जागरूकता अपेक्षाकृत कम है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "यह साझेदारी देश के दूर-दराज के इलाकों में फाइनेंशियल इंक्लूजन और पहुंच के प्रति डाक विभाग की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, साथ ही यह भारत में एक पेशेवर और निवेशक-अनुकूल म्यूचुअल फंड इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के एएमएफआई के दृष्टिकोण को भी पुष्ट करती है।"

इस समझौता ज्ञापन पर डाक विभाग की महाप्रबंधक (बिजनेस डेवलपमेंट) मनीषा बंसल बादल और एएमएफआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी.एन. चलसानी ने सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए।

Point of View

यह समझौता डाक विभाग की वित्तीय समावेशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को बढ़ाएगा, बल्कि देश के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

डाक विभाग और एएमएफआई का म्यूचुअल फंड वितरण का क्या लाभ है?
यह पहल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगी।
यह समझौता ज्ञापन कब तक वैध रहेगा?
यह समझौता ज्ञापन 22 अगस्त 2025 से 21 अगस्त 2028 तक तीन वर्षों के लिए वैध है।