क्या शुभांशु शुक्ला का भारत में स्वागत और संसद में सफल अंतरिक्ष मिशन पर चर्चा होगी?

सारांश
Key Takeaways
- शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन भारत की उपलब्धियों का प्रतीक है।
- उन्होंने इसरो का प्रतिनिधित्व किया।
- यह मिशन भारत के भविष्य के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण है।
- संसद में उनकी यात्रा पर विशेष चर्चा हो रही है।
- यह चर्चा देश के युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकती है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का रविवार तड़के दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत किया गया। उनके आगमन के बाद लोकसभा में भारत की अंतरिक्ष यात्रा और शुक्ला के ऐतिहासिक मिशन पर विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी।
लोकसभा में होने वाली बहस का विषय है – "अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री – विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका।" यह चर्चा संसद में चल रहे गतिरोध को समाप्त कर सकती है और भारत की नई उपलब्धियों को मान्यता देगी।
शुक्ला जून-जुलाई में दो सप्ताह के अंतरिक्ष मिशन से लौटे। दिल्ली पहुँचने पर उनका स्वागत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और बड़ी संख्या में उपस्थित नागरिकों ने किया।
यह चर्चा विपक्ष द्वारा मतदाता सूचियों में कथित हेराफेरी और चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूचियों के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे को उठाने के प्रयासों के बीच आयोजित की गई है।
जून में, शुक्ला आईएसएस के एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने थे – भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद। वह 16 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे।
यह मिशन केवल भारत ही नहीं, बल्कि पोलैंड और हंगरी के लिए भी चार दशक बाद मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम में वापसी का प्रतीक रहा। शुक्ला ने इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) का प्रतिनिधित्व किया और उनका यह अनुभव भविष्य के गगनयान मिशन और भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्ला की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक की यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया है। यह भारत के आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, 'गगनयान' के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा।
अंतरिक्ष विभाग ने शुक्ला के मिशन को रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम बताया है और कहा कि यह भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा में गंभीर दावेदारी का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि देश का हर नागरिक अंतरिक्ष क्षेत्र की इस प्रगति से गौरवान्वित है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर गगनयान मिशन और अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।