क्या स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर प्रेग्नेंसी से जुड़े पैटर्न को समझने में सहायता कर सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- स्मार्टवॉच और फिटनेस ट्रैकर गर्भावस्था की देखभाल में सहायक हो सकते हैं।
- ये उपकरण हार्मोनल उतार-चढ़ाव को ट्रैक कर सकते हैं।
- शोध में 108 गर्भवती महिलाओं के डेटा का उपयोग किया गया।
- हृदय गति में बदलाव को मॉनिटर किया गया।
- ये तकनीक गर्भावस्था के दौरान मातृ स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकती है।
नई दिल्ली, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक साधारण सा पहना जाने वाला उपकरण, जैसे कि स्मार्टवॉच या फिटनेस ट्रैकर, प्रेग्नेंसी केयर में एक नई क्रांति ला सकता है और किसी भी प्रकार की विसंगति का आसानी से पता लगाने में मदद कर सकता है।
यह दावा स्क्रिप्स रिसर्च के वैज्ञानिकों ने किया है। उनके अनुसार, प्रारंभिक प्रमाण बताते हैं कि ऐप्पल वॉच, गार्मिन और फिटबिट जैसे सामान्य वियरेबल डिवाइस, हार्मोनल उतार-चढ़ाव से संबंधित शारीरिक पैटर्न जैसे हृदय गति को ट्रैक करके गर्भावस्था से संबंधित बदलावों की निगरानी कर सकते हैं।
स्क्रिप्स रिसर्च में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक और डिजिटल मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर, जियोर्जियो क्वेर ने कहा, "वियरेबल डिवाइस (पहनने योग्य उपकरण) एक अद्भुत इनोवेटिव समाधान है। ये अमेरिका में गर्भावस्था के दौरान सामने आ रहे प्रतिकूल परिणामों की पहचान करने में मदद कर रहे हैं।"
"हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि वियरेबल सेंसर से प्राप्त सिग्नल हार्मोन के स्तर में आए अपेक्षित बदलावों को अच्छे से रीड करते हैं और गर्भावस्था के विशिष्ट पैटर्न का पता लगा सकते हैं, जिससे संभवतः गर्भावस्था और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान मातृ स्वास्थ्य की निगरानी संभव हो पाती है।"
अध्ययन के लिए, टीम ने 108 गर्भवती महिलाओं का चयन किया, जिन्होंने गर्भावस्था से तीन महीने पहले से लेकर प्रसव के छह महीने बाद तक के आंकड़े प्रदान करने पर सहमति जताई थी। जनसंख्या-स्तरीय पैटर्न की पहचान करने के लिए परिष्कृत सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करके, टीम व्यक्तिगत अंतरों और उपकरण विविधताओं का हिसाब लगा सकी।
इस डेटा से, वैज्ञानिक उन शारीरिक पैटर्न की पहचान करने में सक्षम हुए जो एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) जैसे प्रमुख गर्भावस्था हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव से जुड़े थे। इन हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव गर्भावस्था के दौरान समस्या खड़ी कर सकता है।
हृदय गति के आंकड़े विशेष रूप से दिलचस्प थे। गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में, शोधकर्ताओं ने पाया कि महिला की हृदय गति 5 से 9 सप्ताह के आसपास कम हुई, फिर प्रसव से लगभग 8 या 9 सप्ताह पहले तक लगातार बढ़ती गई, और गर्भावस्था से पहले के स्तर से 9.4 धड़कन प्रति मिनट तक पहुंच गई।
जन्म के बाद, हृदय गति लगभग छह महीने बाद स्थिर होने से पहले आधारभूत स्तर से नीचे गिर गई। शोधकर्ताओं ने गर्भावस्था के दौरान नींद और सक्रियता के पैटर्न पर भी नजर रखी।
इस सहसंबंध को प्रमाणित करने के लिए, टीम ने पहनने योग्य सेंसर पैटर्न की तुलना पिछले गर्भावस्था अध्ययनों से प्रकाशित हार्मोन-स्तरीय डेटा से की और विस्तृत मॉडल तैयार किए जो गर्भावस्था के दौरान अपेक्षित हार्मोनल उतार-चढ़ाव के आधार पर हृदय गति में बदलाव की भविष्यवाणी करते थे। हालाँकि ये निष्कर्ष अभी प्रारंभिक चरण में हैं, लेकिन ये दर्शाते हैं कि वियरेबल डिवाइस संभावित रूप से प्री-नेटल केयर को बेहतर बना सकते हैं।