क्या 25 जून को किदांबी श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज में अपराजित रहकर खिताब जीता?

सारांश
Key Takeaways
- किदांबी श्रीकांत ने 2017 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतकर इतिहास रचा।
- उन्होंने चेन लांग जैसे दिग्गज को हराया।
- श्रीकांत का यह चौथा सुपर सीरीज खिताब था।
- उनकी वापसी में कोच होंडोया का योगदान महत्वपूर्ण था।
- किदांबी को अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री मिल चुके हैं।
नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। 25 जून का दिन भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर के रूप में अंकित है। यही वह दिन था जब किदांबी श्रीकांत ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में अद्भुत प्रदर्शन करते हुए सुपर सीरीज का खिताब अपने नाम किया।
साल 2017 का वह रविवार था जब बैडमिंटन प्रेमी टीवी के सामने बैठे थे। उन्हें उम्मीद थी कि किदांबी श्रीकांत एक और अलौकिक प्रदर्शन करेंगे, खासकर जब उन्होंने 18 जून को इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीता था।
श्रीकांत ने दूसरे दौर में उलटफेर करते हुए साउथ कोरिया के सोन वान हो को 15-21, 21-13, 21-13 से हराकर अगले चरण में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने अपने हमवतन बी साईं प्रणीत को 25-23, 21-17 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जहां उन्होंने चीन के शी युकी को 21-10, 21-14 से हराकर लगातार तीसरी बार सुपर सीरीज के फाइनल में जगह बनाई।
फाइनल 25 जून को हुआ, जिसमें किदांबी श्रीकांत ने चीन के रियो ओलंपिक चैंपियन चेन लांग के खिलाफ 22-20, 21-16 से जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही श्रीकांत लगातार दो सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए।
इस फाइनल से पहले, श्रीकांत और चेन लांग के बीच पांच मुकाबले हो चुके थे, जिसमें श्रीकांत हर बार हार गए थे। लेकिन ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में उन्होंने इस दीवार को ढहा दिया।
श्रीकांत को दाईं एड़ी में हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण तीन महीने तक कोर्ट से बाहर रहना पड़ा था, और उनकी इस शानदार वापसी में कोच होंडोया का महत्वपूर्ण योगदान था।
यह किदांबी श्रीकांत का चौथा सुपर सीरीज खिताब था। इससे पहले उन्होंने 2014 में चाइना ओपन, 2015 में इंडिया सुपर ओपन और हाल ही में इंडोनेशिया ओपन जीते थे।
ऑस्ट्रेलियन ओपन की जीत के बाद, किदांबी श्रीकांत ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और 2022 कॉमनवेल्थ में भी पदक जीते। 2021 वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने के बाद, उन्होंने अगले साल थॉमस कप भी जीता।
किदांबी श्रीकांत को 2015 में अर्जुन पुरस्कार और 2018 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया है।