क्या 8 नवंबर का दिन क्रिकेट इतिहास में याद रखा जाएगा, जब तेंदुलकर और द्रविड़ ने 331 रन की साझेदारी की?
सारांश
Key Takeaways
- तेंदुलकर और द्रविड़ की 331 रन की साझेदारी ने वनडे क्रिकेट में नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
- यह साझेदारी भारतीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
- 16 साल बाद यह रिकॉर्ड टूट गया था।
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 8 नवंबर का दिन क्रिकेट की दुनिया में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में याद किया जाता है। वर्ष 1999 में इस दिन, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने 331 रन की साझेदारी करके वनडे क्रिकेट में एक नया अध्याय लिखा था।
यह मैच हैदराबाद के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित हुआ, जहां भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी की। प्रारंभ में टीम की शुरुआत खराब रही थी।
दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर सौरव गांगुली (4) रन आउट हो गए। इसके बाद, तेंदुलकर और द्रविड़ ने मिलकर मोर्चा संभाला।
इन दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 331 रन की साझेदारी की, जो कि उस समय वनडे इतिहास में किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। यह दूसरी बार था जब किसी जोड़ी ने 300+ रन की साझेदारी की, और दोनों बार भारतीय खिलाड़ी थे।
इससे पहले, 26 मई 1999 को, द्रविड़ ने गांगुली के साथ 318 रन की साझेदारी की थी।
तेंदुलकर-द्रविड़ का यह रिकॉर्ड लगभग 16 साल तक अटूट रहा। कैनबरा में, क्रिस गेल और मार्लन सैमुअल्स ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 372 रन की साझेदारी कर इसे तोड़ा।
इसके बाद, 5 मई 2019 को, वेस्टइंडीज के शाई होप और जॉन कैंपबेल ने आयरलैंड के खिलाफ 365 रन की साझेदारी की।
वनडे में 300+ रन की साझेदारी में इमाम-उल-हक और फखर जमां की जोड़ी भी शामिल है, जिन्होंने 20 जुलाई 2018 को जिम्बाब्वे के खिलाफ 304 रन की साझेदारी की।
8 नवंबर 1999 को तेंदुलकर-द्रविड़ की इस अद्भुत साझेदारी के फलस्वरूप भारत ने निर्धारित ओवरों में 376 रन बनाए, जिसमें तेंदुलकर ने 186 रन (150 गेंदों पर) और द्रविड़ ने 153 रन (153 गेंदों पर) बनाए।
इस विशाल स्कोर के जवाब में कीवी टीम 33.1 ओवर में केवल 202 रन पर सिमट गई, और भारत ने 174 रन से विजय प्राप्त की।