क्या भारत के नेतृत्व में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस?

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क्या भारत के नेतृत्व में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस?

सारांश

अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस पर भारत ने वैश्विक उत्सव का नेतृत्व किया, जहां खेल की विरासत और अंतरराष्ट्रीय विस्तार को प्रदर्शित किया गया। इस आयोजन ने सैकड़ों प्रतिभागियों को एकत्रित किया और खो-खो के प्रति जागरूकता बढ़ाई। क्या आप जानते हैं कि यह खेल अब 56 देशों में खेला जा रहा है?

Key Takeaways

  • खो-खो का वैश्विक विस्तार जारी है।
  • 30 से अधिक देशों ने इस खेल में भागीदारी की।
  • खो-खो को ओलंपिक खेलों में शामिल करने का संकल्प।
  • खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रैलियों का आयोजन।
  • खो-खो की विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता।

नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस के वैश्विक उत्सवों का नेतृत्व किया, जहाँ इस पारंपरिक खेल की विरासत और इसके वैश्विक विस्तार को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया। दिन की शुरुआत नई दिल्ली के ऐतिहासिक जंतर मंतर से हुई, जहाँ सैकड़ों खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और छात्रों ने खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) के अधिकारियों के साथ मिलकर एक ऊर्जावान रैली निकाली। यह आयोजन उस दिन का प्रतीक बन गया, जिसे पारंपरिक भारतीय खेल खो-खो की वैश्विक पहचान को उजागर करने के लिए समर्पित किया गया था।

खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) द्वारा आयोजित इस उत्सव में एक मनोरंजक जादू शो और खेल के इतिहास, नियमों और विकास पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता शामिल थी। इन आयोजनों ने समुदाय को एक उत्सवपूर्ण माहौल में जोड़ा और खो-खो की अंतरराष्ट्रीय प्रगति के प्रति जागरूकता को बढ़ाया। समारोहों के तहत राष्ट्रीय खो-खो दिवस भी मनाया गया, जिसमें राज्य संघों ने अपने-अपने राज्यों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।

इस अवसर पर केकेएफआई और अंतरराष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आईकेकेएफ) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा, “मैं पूरे खो-खो समुदाय को हार्दिक बधाई देता हूँ। पिछले कुछ वर्षों में खो-खो हमारे देश की पहचान और गौरव का प्रतीक बनकर उभरा है। आज यह खेल 56 देशों में खेला जा रहा है, जो हम सभी के लिए गर्व की बात है। इन देशों के स्थानीय नागरिक भी इस खेल में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। हमारा संकल्प है कि खो-खो को 2030 के एशियाई खेलों में शामिल कराया जाए और हम इसे 2032 के ओलंपिक खेलों में भी स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। पूरी खो-खो बिरादरी एकजुट होकर इस खेल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है।”

इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया, ईरान, नेपाल, पेरू, वियतनाम, इंग्लैंड और बांग्लादेश सहित 30 से अधिक देशों की खो-खो संघों ने भागीदारी और एकजुटता व्यक्त की।

केकेएफआई के महासचिव एम.एस. त्यागी ने कहा, “आज जब हम अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस मना रहे हैं, तो यह देखकर गर्व होता है कि वैश्विक खो-खो समुदाय इतनी उत्साहपूर्वक एकजुट हुआ है। यह दिन केवल खेल का उत्सव नहीं है, बल्कि उस भावना और आत्मा का प्रतीक है जो इस खेल को जीवित रखती है। हमारा साझा लक्ष्य है कि खो-खो को और ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाए और इसे ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे वैश्विक मंचों पर देखा जाए। हमारी पूरी टीम के सामूहिक प्रयासों से हम इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस खेल के लिए कई महत्वपूर्ण विकासों के बीच आया है, जिनमें कोचों और तकनीकी अधिकारियों के लिए आयोजित पहले एडवांस्ड III-ए स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफल शुरुआत शामिल है, जिसमें 230 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कोच और तकनीकी अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा यह घोषणा भी की गई कि अल्टीमेट खो-खो (यूकेके) की आगामी नीलामी में पहली बार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी शामिल किया जाएगा, और सीजन 3 की शुरुआत 29 नवंबर, 2025 से होगी।

Point of View

बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान को मजबूती देने का अवसर है। भारत ने इस खेल को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसके प्रति बढ़ती लोकप्रियता यह दर्शाती है कि खेल का महत्व हमारे सामाजिक ताने-बाने में कितना गहरा है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस कब मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस हर वर्ष 30 जून को मनाया जाता है।
खो-खो खेल की उत्पत्ति कहाँ हुई थी?
खो-खो खेल की उत्पत्ति भारत में हुई थी और यह एक पारंपरिक खेल है।
खो-खो के लिए कौन से प्रमुख विकास हाल ही में हुए हैं?
हाल ही में खो-खो के लिए कोचों और तकनीकी अधिकारियों के लिए एडवांस्ड स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
क्या खो-खो को ओलंपिक खेलों में शामिल किया जाएगा?
हाँ, खो-खो को 2030 के एशियाई खेलों और 2032 के ओलंपिक खेलों में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय खो-खो दिवस पर कौन-कौन से देशों ने भाग लिया?
इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया, ईरान, नेपाल, पेरू, वियतनाम, इंग्लैंड और बांग्लादेश सहित 30 से अधिक देशों ने भाग लिया।