क्या दृढ़ इच्छाशक्ति की मिसाल हैं सोनलबेन पटेल जिन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक दिलाए?

सारांश
Key Takeaways
- सोनलबेन पटेल की कहानी हमें दृढ़ इच्छाशक्ति और संघर्ष का महत्व सिखाती है।
- उन्होंने पोलियो से जूझते हुए भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया।
- उनका सफर युवाओं के लिए प्रेरणा है कि संघर्ष और मेहनत से कुछ भी संभव है।
- सोनलबेन ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- उनकी उपलब्धियों ने साबित किया है कि इच्छाशक्ति से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
नई दिल्ली, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोनलबेन पटेल भारत की अंतरराष्ट्रीय पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से कई उपलब्धियां हासिल कीं। गुजरात की निवासी सोनलबेन ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत को पदक दिलाए। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सोनलबेन ने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा और संघर्षशीलता से पैरा टेबल टेनिस में देश का मान बढ़ाते हुए युवाओं को प्रेरित किया है।
15 सितंबर 1987 को गुजरात के विरमगाम में जन्मीं सोनलबेन पटेल जब महज 6 महीने की थीं, तब उनके परिवार को उनके पोलियो से पीड़ित होने का पता चला। बावजूद इसके सोनलबेन ने कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनके अंदर जीवन में कुछ कर दिखाने का जज्बा कभी कम नहीं हुआ।
सोनलबेन पटेल बचपन में एक टीचर बनना चाहती थीं, लेकिन अपने इस सपने को पूरा नहीं कर सकीं। उन्होंने ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन (बीपीए) ज्वाइन किया और आईटीआई से कोर्स किया।
सोनलबेन को टेबल टेनिस में बहुत रुचि थी। शुरुआत में वह केवल शौकिया तौर पर खेलना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें इसे प्रोफेशनल रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके पिता ही उनके पहले कोच बने।
सोनलबेन ने इस खेल में दक्षता हासिल करने के लिए ललन दोशी से प्रशिक्षण लेना शुरू किया, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अपनी पहचान बनाई।
सोनलबेन का विवाह साथी खिलाड़ी रमेश चौधरी से हुआ है, जो खुद एक पैरा-एथलीट हैं। पति ने सोनलबेन को इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
सोनलबेन ने 2018 में जकार्ता में आयोजित एशियन पैरा गेम्स के डबल्स (डब्ल्यूडी 3-5) में ब्रॉन्ज जीता। 2021 में उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में पदार्पण किया।
उन्होंने 2022 के मिस्र पैरा ओपन में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक प्राप्त किया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी कांस्य पदक जीता।
महिला एकल वर्ग के कांस्य पदक मैच (सी3-5) में सोनलबेन ने इंग्लैंड की टेबल टेनिस खिलाड़ी सू बेली को कड़ी टक्कर देते हुए यह मैच 3-0 (11-5, 11-2, 11-3) से जीत लिया। उन्होंने खेलो इंडिया पैरा गेम्स में भी अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा।
2024 पेरिस पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली सोनलबेन पटेल ने महिला युगल डब्ल्यूडी 10 वर्ग में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। उन्होंने बताया कि मनुष्य अपनी इच्छाशक्ति के बल पर असंभव को भी संभव बना सकता है। उन्होंने शारीरिक कठिनाइयों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर इसको साबित किया है।