क्या कोच बल्ला उठाकर खेल सकते हैं? आलोचना के बीच गौतम गंभीर को मिला आर अश्विन का समर्थन
सारांश
Key Takeaways
- गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
- आर अश्विन ने कोच की आलोचना पर सवाल उठाया।
- एक कोच की जिम्मेदारी केवल रणनीति बनाना होती है।
- खिलाड़ियों को प्रदर्शन करने की आवश्यकता है।
- टीम में निरंतर बदलाव पर ध्यान देने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा है। इस हार के बाद हेड कोच गौतम गंभीर आलोचकों के निशाने पर हैं। लेकिन, आलोचनाओं के बीच पूर्व भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने उनका समर्थन किया है।
आर अश्विन ने अपने यूट्यूब शो 'ऐश की बात' में कहा, "हमें केवल गौतम गंभीर की आलोचना नहीं करनी चाहिए। यह एक टीम खेल है। एक टीम का प्रबंधन करना इतना सरल नहीं होता। हार से वह भी दुखी हैं। हमें इसे समझना होगा। यह किसी का समर्थन करने के बारे में नहीं है। गौतम मेरे रिश्तेदार नहीं हैं। मैं 10 गलतियां भी बता सकता हूं। गलतियां होती हैं, कोई भी कर सकता है। जब गलतियां महंगी पड़ती हैं, तो समस्या बढ़ जाती है।"
उन्होंने यह भी कहा, "एक कोच क्या कर सकता है? उसकी जिम्मेदारी केवल मैदान के बाहर रणनीति बनाने तक सीमित होती है; खेलना खिलाड़ियों का काम है। कोच बल्ला उठाकर खेलने नहीं जा सकता। आपको खुद को कोच की स्थिति में रखकर देखना चाहिए। हां, मैं मानता हूं कि टीम में रोटेशन बहुत अधिक हुआ है, लेकिन खिलाड़ियों को प्रदर्शन करना होगा।"
अश्विन ने आगे कहा, "मैंने खिलाड़ियों को जिम्मेदारी लेते नहीं देखा, इसलिए मैं कोच को समस्या नहीं मान सकता। हां, टीम के हित में बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं।"
गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का घरेलू मैदान पर टेस्ट फॉर्मेट में शर्मनाक प्रदर्शन रहा है। पिछले डेढ़ साल में घरेलू मैदान पर दो बार भारतीय टीम का क्लिन स्वीप हो चुका है। जुलाई 2024 से पहले भारतीय टीम ने अपने घर में टेस्ट श्रृंखला हारी थी, लेकिन क्लिन स्वीप केवल एक बार (2000) में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ था। गंभीर के जुलाई 2024 में हेड कोच बनने के बाद भारतीय टीम को न्यूजीलैंड ने 2024 में टेस्ट श्रृंखला में 0-3 से और अब दक्षिण अफ्रीका ने 0-2 से हरा दिया है। दो बार घरेलू मैदान पर क्लिन स्वीप होने का कारण पूर्व क्रिकेटर और विशेषज्ञ हेड कोच गंभीर द्वारा टीम में लगातार किए जा रहे बदलाव और कम अनुभवी या टेस्ट में साधारण रिकॉर्ड रखने वाले खिलाड़ियों को मौका देने के रूप में देखा जा रहा है। इसी कारण गंभीर की आलोचना हो रही है।