क्या नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट सफर और 'गोल्डन डक' अब भी याद किया जाता है?

सारांश
Key Takeaways
- नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट सफर प्रेरणादायक है।
- उन्हें सिक्सर सिद्धू के नाम से जाना जाता है।
- सिद्धू ने 9 शतक बनाए हैं।
- उन्होंने शायरी में भी अपनी पहचान बनाई है।
- राजनीति में भी सिद्धू का योगदान महत्वपूर्ण रहा है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट का सफर उतना ही जीवंत रहा, जितना उनका शायराना अंदाज। 1990 में शारजाह में वकार यूनिस की पहली गेंद पर शून्य पर आउट होने की हंसी-मजाक आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय है।
हालांकि, यही सिद्धू हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 9 शतकसिक्सर सिद्धू बनकर गेंदबाजों को परेशान किया। उनके जन्मदिन के अवसर पर, आइए जानें इस महान क्रिकेटर, कमेंटेटर और राजनीतिज्ञ की कहानी, जो हर भूमिका में छाए रहे।
20 अक्टूबर 1963 को पटियाला में जन्मे सिद्धू को क्रिकेट में उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और छक्कों के लिए सिक्सर सिद्धू कहा जाता है। लेकिन उनकी विरासत में गोल्डन डक की चर्चा सबसे ज्यादा होती है, जब वकार यूनिस ने उन्हें पहली गेंद पर शून्य पर आउट किया था। यह मजेदार किस्सा आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
सिद्धू ने कहा कि, "मैंने टेस्ट में शतक भी लगाए हैं, लेकिन इस एक मैच का ही ज्यादा जिक्र होता है।" 1990 में वकार की इंच-परफेक्ट यॉर्कर ने सिद्धू के स्टंप्स उखाड़ दिए थे। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम ने इस घटना को अपने शो में साझा किया था।
सिद्धू का क्रिकेट करियर 1983 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुआ और 1999 तक चला। उन्होंने 51 टेस्ट मैचों में 3,202 रन बनाए और 136 वनडे में 4,413 रन बनाए। टेस्ट में उनका सर्वोच्च स्कोर 201 था जबकि वनडे में 134।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, सिद्धू ने कमेंट्री की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी। उनकी शायराना हिंदी और मजेदार अंदाज ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई। इसके बाद, उन्होंने राजनीतिअमृतसर से सांसद बने, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने, और पंजाब सरकार में मंत्री भी रहे। कभी भाजपा का दामन थामा तो कभी कांग्रेस का। वर्तमान में वे राजनीति से दूर हैं।
फैंस सिद्धू की शायरी के दीवाने हैं और वे हमेशा अपने विशेष शायराना अंदाज से फैंस को हंसाने का प्रयास करते हैं।