क्या जेरेमी लालरिनुंगा 19 की उम्र में बने 'गोल्डन ब्वॉय'?

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क्या जेरेमी लालरिनुंगा 19 की उम्र में बने 'गोल्डन ब्वॉय'?

सारांश

भारत के युवा वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने मात्र 19 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर सभी को प्रभावित किया है। उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी निश्चित रूप से प्रेरणादायक है। जानिए कैसे उन्होंने अपने सपनों को साकार किया।

Key Takeaways

  • मेहनत और समर्पण से सफलता पाई जा सकती है।
  • कठिनाइयों का सामना करने से ही विजय का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना महत्वपूर्ण है।
  • खेल में शारीरिक और मानसिक दृढ़ता आवश्यक होती है।
  • परिवार का समर्थन हमेशा महत्वपूर्ण होता है।

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रसिद्ध वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने अपनी शक्ति, मेहनत और समर्पण से खेल जगत में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त किया है। महज 19 वर्ष की आयु में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले जेरेमी युवा वेटलिफ्टर्स के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।

26 अक्टूबर 2002 को मिजोरम राज्य के आइजोल में जन्मे जेरेमी को खेल का माहौल विरासत में मिला। उनके पिता लालनीहटलुआंगा एक जाने-माने मुक्केबाज थे। पिता ने जूनियर स्तर पर राष्ट्रीय पदक जीते थे। जेरेमी ने छोटी उम्र में ही अपने पिता के साथ ट्रेनिंग सेशन्स में जाना शुरू किया। वह खुद भी बॉक्सिंग में करियर बनाना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें वेटलिफ्टिंग की ओर मोड़ दिया।

जब जेरेमी ने अपने दोस्तों को वेटलिफ्टिंग करते देखा, तो उनकी दिलचस्पी इस खेल में जागृत हुई। महज 8 वर्ष की आयु में उन्होंने वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की।

जेरेमी ने आर्मी स्पोर्ट्स के चयन ट्रायल में भाग लिया और सफल हुए। इसके बाद उन्होंने पुणे में ट्रेनिंग के लिए शिफ्ट किया।

13 वर्ष की आयु में, उन्होंने जूनियर वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2016 में 56 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीतकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। इसके पश्चात उन्होंने एशियन जूनियर चैंपियनशिप में भी रजत पदक जीता और नेशनल कैंप में जगह बनाई।

अगले वर्ष, जेरेमी ने कॉमनवेल्थ यूथ और जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और फिर ब्यूनस आयर्स के यूथ ओलंपिक में स्वर्ण अपने नाम किया। वह यूथ ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय वेटलिफ्टर बने।

कोरोना महामारी के दौरान, जेरेमी को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2021 में उन्हें अपने घुटने की सर्जरी करानी पड़ी, लेकिन जल्द ही वापसी की। दिसंबर 2021 में, उन्होंने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर शानदार वापसी की। हालांकि, फरवरी 2022 में ट्रेनिंग के दौरान उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी।

ऐसा लगा कि जेरेमी बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग नहीं ले पाएंगे, लेकिन केवल 19 वर्ष की आयु में नायब सूबेदार जेरेमी लालरिनुंगा ने अदम्य साहस दिखाते हुए 31 जुलाई 2022 को 67 किलोग्राम भारवर्ग में 300 किलोग्राम भार उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने स्नैच में 140 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 160 किलोग्राम भार उठाया।

Point of View

जेरेमी लालरिनुंगा की कहानी न केवल खेल जगत में एक नई प्रेरणा है, बल्कि यह दर्शाती है कि किस प्रकार युवा प्रतिभाएँ अपने संघर्षों के बावजूद सफलता प्राप्त कर सकती हैं। उनका साहस और समर्पण हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाए।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

जेरेमी लालरिनुंगा ने कब वेटलिफ्टिंग शुरू की?
जेरेमी ने महज 8 साल की उम्र में वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की।
उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में कब स्वर्ण पदक जीता?
जेरेमी ने 31 जुलाई 2022 को कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यूथ ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।
जेरेमी का जन्म कब हुआ?
जेरेमी का जन्म 26 अक्टूबर 2002 को हुआ।
उनके पिता का नाम क्या है?
उनके पिता का नाम लालनीहटलुआंगा है।