क्या भुना जीरा पाचन से वजन तक, सेहत का खजाना है?
सारांश
Key Takeaways
- भुना जीरा पाचन को सुधारता है।
- यह वजन नियंत्रण में मदद करता है।
- महिलाओं के लिए आयरन का अच्छा स्रोत है।
- गैस और सूजन कम करता है।
- हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मददगार है।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण मसाला जीरा केवल स्वाद बढ़ाने वाला नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य का एक वास्तविक खजाना भी है। आयुर्वेद के चिकित्सक बताते हैं कि कच्चा जीरा जितना लाभकारी है, उससे भी ज्यादा फायदेमंद भुना जीरा होता है। यह पाचन, रक्त, वजन और हार्मोन संतुलन का एक आयुर्वेदिक रक्षक है, बशर्ते इसे सही तरीके से लिया जाए।
आयुर्वेद में जीरे को 'दीपनीय' कहा गया है, जिसका अर्थ है पाचन अग्नि को बढ़ाना और वात-कफ को दूर करना। चरक संहिता में कहा गया है- "जीरकं दीपनं श्रेष्ठं" यानी यह एक उत्कृष्ट पाचक है। सही तरीके से लेने पर, यह पेटवजन नियंत्रण और ब्लड शुगर तक में लाभकारी सिद्ध होता है।
जीरे में कमिनाल्डिहाइड, थाइमॉल, टेरपीन जैसे तत्वों के साथ-साथ आयरन, मैग्नीशियम और भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये पाचन को सुधारते हैं, गैस और सूजन को कम करते हैं, और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखते हैं। आधुनिक अनुसंधान भी जीरे को ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में उपयोगी मानती है।
महिलाओं के लिए यह आयरन का एक अच्छा स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है और स्तनपान के दौरान दूध की गुणवत्ता में सुधार करता है।
जीरा पानी वजन घटाने और डिटॉक्स के लिए एक रामबाण उपाय है। रात में एक चम्मच जीरा भिगो दें, सुबह इसे उबालकर गुनगुना पिएं। इससे पाचन मजबूत होता है, पेट साफ रहता है, मोटापा और सूजन कम होती है।
भुना जीरा पाउडर पाचन के लिए अद्भुत है। इसे भोजन के बाद चुटकीभर लें। यह गैस, खट्टी डकार और पेट दर्द में तुरंत राहत प्रदान करता है। भुनने से इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण और बढ़ जाते हैं। जीरा, सौंफ और धनिया बराबर मात्रा में उबालकर पानी पिएं। यह हार्मोन को संतुलित करता है, पीरियड्स की समस्याओं और पेशाब के दौरान होने वाली जलन में लाभकारी है।
छाछ में भुना जीरा और सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर पीने से आंतें साफ होती हैं, और कब्ज में राहत मिलती है।
आयुर्वेद के अनुसार, कमजोर पाचन अधिकांश बीमारियों की जड़ है। भुना जीरा पाचन अग्नि को सक्रिय करता है, बिना एसिडिटी बढ़ाए। यह गैस को बाहर निकालता है, दस्त रोकता है और कब्ज को दूर करता है। इसके साथ ही यह तनाव को कम करता है और पेट की सूजन को घटाता है।
जीरा केवल तड़का नहीं है, बल्कि पाचन, रक्त, वजन और हार्मोन का एक प्राकृतिक रक्षक है। भुना जीरा फायदेमंद है, जिसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर स्वस्थ रहा जा सकता है। हालांकि, कुछ सावधानियाँ आवश्यक हैं। दिन में एक या दो चम्मच से अधिक न लें, अन्यथा पेट में जलन हो सकती है। गर्भवती महिलाएं इसे सीमित मात्रा में ही उपयोग करें। यह डायबिटीज में सहायक है, लेकिन दवा का विकल्प नहीं है।