क्या 27 नवंबर है क्रिकेट इतिहास का 'ब्लैक डे', जब दुनिया ने खोया चमकता सितारा?

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क्या 27 नवंबर है क्रिकेट इतिहास का 'ब्लैक डे', जब दुनिया ने खोया चमकता सितारा?

सारांश

27 नवंबर को क्रिकेट इतिहास में एक दुखद दिन के रूप में जाना जाता है, जब ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज की दुखद मृत्यु हुई। इस दिन का महत्व और उसके बाद हुए सुरक्षा सुधारों पर चर्चा की गई है।

Key Takeaways

  • 27 नवंबर को क्रिकेट इतिहास में एक दुखद दिन माना जाता है।
  • फिल ह्यूज की दुखद मृत्यु ने सुरक्षा के नए नियमों की आवश्यकता को उजागर किया।
  • खेलों में सुरक्षा हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
  • फिल ह्यूज का योगदान क्रिकेट के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।
  • उनकी जर्सी नंबर 64 को रिटायर किया गया है।

नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्रिकेट की दुनिया में 27 नवंबर को एक दुखद दिन के रूप में याद किया जाता है। इस दिन क्रिकेट जगत ने एक उभरते सितारे को हमेशा के लिए खो दिया था।

11 साल पहले, ठीक इसी दिन, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। दो दिन पहले ही, वह मैदान पर बल्लेबाजी कर रहे थे, जब एक गेंद ने उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। बल्लेबाजी करते समय उनकी गर्दन पर गेंद लगी, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़े। उनकी आंखें तब बंद हुईं और फिर कभी नहीं खुलीं। इस घटना ने पूरे खेल जगत को चौंका दिया था।

सिडनी के मैदान पर 25 नवंबर 2014 को शेफील्ड शील्ड में साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच मुकाबला शुरू हुआ था।

साउथ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जोहान बोथा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। 30 नवंबर को फिल ह्यूज का जन्मदिन था, और वे इसे जीत के साथ मनाना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

फिल ह्यूज ने इस मुकाबले में मार्क कॉसग्रोव के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में पारी की शुरुआत की। दोनों ने मिलकर 23.4 ओवर में 61 रन की साझेदारी की।

मार्क कॉसग्रोव 68 गेंदों में 32 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें नाथन लियोन ने कैच आउट कराया। कॉसग्रोव की पारी में 9 चौके शामिल थे।

फिल ह्यूज ने कैलम फर्ग्यूसन के साथ दूसरे विकेट के लिए 61 रन बनाए। फर्ग्यूसन 41 गेंदों में 4 चौकों की मदद से 28 रन बनाकर पवेलियन लौटे।

टॉम कूपर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए। दोनों का लक्ष्य साउथ ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में लाना था, लेकिन 49वां ओवर ही मैच का अंतिम ओवर साबित हुआ।

सीन एबॉट अपना 10वां ओवर डाल रहे थे। उन्हें पहले विकेट की तलाश थी। ह्यूज 63 रन बनाकर नाबाद थे। उनकी इस पारी में 9 चौके थे। 48.3 ओवर में एबॉट की गेंद फिल ह्यूज की गर्दन पर लगी।

ह्यूज उसी पल मैदान पर बैठ गए। एबॉट तुरंत उनके पास पहुंचे। इस बीच, ह्यूज ने अपना संतुलन खो दिया। विपक्षी टीम के साथी उन्हें सहारा देने आए, लेकिन तब तक ह्यूज बेहोश हो गए थे।

उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन 27 नवंबर को इस उभरते सितारे ने दुनिया को छोड़ दिया।

फिल ह्यूज की इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में कई सुरक्षा संबंधी बदलाव हुए। हेलमेट को अधिक मजबूत किया गया, बल्लेबाजों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया और 'कन्कशन सब्स्टीट्यूट' जैसे नए नियम लागू किए गए।

फिल ह्यूज ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से 26 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 3 शतक और 7 अर्धशतक के साथ 1,535 रन बनाए। वहीं, 25 वनडे मुकाबलों में उन्होंने 2 शतक और 4 अर्धशतक के साथ 826 रन बनाए। फिल ह्यूज की मृत्यु के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनके सम्मान में 'जर्सी नंबर 64' को रिटायर कर दिया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि फिल ह्यूज की दुखद कहानी केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह खेल की सुरक्षा को लेकर हमारी जिम्मेदारी का भी एहसास कराती है। हमें हमेशा खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

फिल ह्यूज की मृत्यु कब हुई?
फिल ह्यूज की मृत्यु 27 नवंबर 2014 को हुई।
फिल ह्यूज ने कितने टेस्ट मैच खेले?
फिल ह्यूज ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से 26 टेस्ट मैच खेले।
फिल ह्यूज की मृत्यु के बाद क्या बदलाव हुए?
फिल ह्यूज की मृत्यु के बाद क्रिकेट में सुरक्षा संबंधी कई बदलाव हुए हैं, जैसे हेलमेट को मजबूत करना और कन्कशन सब्स्टीट्यूट का नियम लागू करना।
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