क्या निषाद कुमार ने लगातार दो पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर एक नया इतिहास रचा?

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क्या निषाद कुमार ने लगातार दो पैरालंपिक में रजत पदक जीतकर एक नया इतिहास रचा?

सारांश

निषाद कुमार की प्रेरणादायक यात्रा, जिसने टोक्यो और पेरिस पैरालंपिक में रजत पदक जीते। उनकी कहानी मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। जानें कैसे उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।

Key Takeaways

  • सपने देखने और उन्हें पूरा करने में हिम्मत की आवश्यकता होती है।
  • परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण है।
  • कड़ी मेहनत से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
  • दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
  • प्रेरणा लेना हमेशा जरूरी है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जीवन में लक्ष्य स्पष्ट होना और कड़ी मेहनत करने का जज्बा रखना सफलता के लिए आवश्यक है। निषाद कुमार की कहानी भी इस बात का प्रमाण है, जिन्होंने टोक्यो और पेरिस पैरालंपिक में हमारे देश के लिए सिल्वर पदक जीते।

निषाद कुमार का जन्म 3 अक्टूबर, 1999 को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के बदायूं गांव में हुआ। उनका परिवार खेती से जुड़ा है। जब वह 8 वर्ष के थे, तब उनका बायां हाथ चारा काटने वाली मशीन में फंस गया और उसे काटना पड़ा। यह एक बड़ी दुर्घटना थी, लेकिन निषाद ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने ऊंची कूद में उत्कृष्टता हासिल करने का निश्चय किया और इसके लिए कठिन परिश्रम करना शुरू किया।

निषाद को उनके माता-पिता का हमेशा समर्थन मिला, जिन्होंने कभी भी उन्हें दिव्यांग महसूस नहीं होने दिया। उनके समर्थन के कारण, निषाद का संकल्प और हौसला मजबूत हुआ। वह सामान्य खिलाड़ियों के साथ खेलते थे, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित हुआ।

निषाद ने 2019 में दुबई में विश्व पैरा एथलेटिक्स में 2.05 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक जीतकर टोक्यो पैरालंपिक के लिए अपनी जगह पक्की की। टोक्यो 2020 में, उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद टी47 में 2.06 मीटर की एशियाई रिकॉर्ड छलांग लगाकर रजत पदक जीता। इसके बाद, पेरिस पैरालंपिक में उन्होंने टी47 श्रेणी में 2.04 मीटर की छलांग लगाई और दूसरा स्थान हासिल किया। वह गोल्ड से केवल 0.4 मीटर से चूक गए।

निषाद ने लगातार दो पैरालंपिक में सिल्वर जीतकर यह साबित कर दिया है कि जब लक्ष्य स्पष्ट हो और हौसला, लगन और मेहनत हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।

Point of View

बल्कि यह दर्शाती है कि हमारे देश के युवा किस प्रकार अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। उनकी उपलब्धियां हमें यह सिखाती हैं कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। यह राष्ट्र के लिए गर्व की बात है कि हमारे पास ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

निषाद कुमार ने कितने पैरालंपिक में भाग लिया?
निषाद कुमार ने टोक्यो और पेरिस पैरालंपिक में भाग लिया और दोनों में रजत पदक जीते।
निषाद कुमार का जन्म कब हुआ?
निषाद कुमार का जन्म 3 अक्टूबर, 1999 को हुआ था।
निषाद कुमार ने किस खेल में पदक जीते?
निषाद कुमार ने ऊंची कूद में रजत पदक जीते।
क्या निषाद कुमार को उनके परिवार का समर्थन मिला?
हाँ, निषाद कुमार को उनके माता-पिता का पूरा समर्थन मिला।
निषाद कुमार ने किस वर्ष स्वर्ण पदक जीता?
निषाद कुमार ने 2019 में दुबई में विश्व पैरा एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता।