क्या पंकज आडवाणी से पहले विल्सन जोंस ने बिलियर्ड्स में भारत को बनाया था विश्व चैंपियन?

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क्या पंकज आडवाणी से पहले विल्सन जोंस ने बिलियर्ड्स में भारत को बनाया था विश्व चैंपियन?

सारांश

भारत में बिलियर्ड्स की पहचान बन चुके पंकज आडवाणी के पीछे एक अन्य दिग्गज का नाम छिपा है। विल्सन जोंस ने भारत को पहली बार विश्व चैंपियन बनाकर इस खेल में एक नई ऊँचाई दी थी। आइए जानते हैं उनकी अद्वितीय यात्रा और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • विल्सन जोंस ने भारतीय बिलियर्ड्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
  • उन्होंने पहली बार 1958 में विश्व चैंपियनशिप जीती।
  • बिलियर्ड्स में उनकी सफलता ने कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया।
  • विल्सन को भारतीय बिलियर्ड्स का भीष्म पितामह माना जाता है।
  • उनके योगदान को भारत सरकार ने कई पुरस्कारों से मान्यता दी।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में बिलियर्ड्स की चर्चा होते ही सबसे पहले पंकज आडवाणी का नाम आता है। लंबे समय से आडवाणी इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और कई खिताब जीते हैं। हालांकि, जो खिलाड़ी इस खेल को भारत में लोकप्रिय बनाने और पहले विश्व चैंपियन बनने का श्रेय रखते हैं, वे हैं विल्सन जोंस

विल्सन जोंस का जन्म २ मई १९२२ को पुणे में हुआ था। बचपन से ही उन्हें खेलों में रुचि थी। वे प्रारंभ में हॉकी और क्रिकेट खेलते थे। १७ साल की उम्र में पहली बार उन्होंने बिलियर्ड्स टेबल देखी और १८ साल की उम्र में इस खेल को खेलना शुरू किया। उनकी रुचि इस खेल में इतनी बढ़ गई कि अन्य खेलों को उन्होंने छोड़ दिया। रात में काम करने और दिन में खेलने का उनका जुनून अद्वितीय था।

विल्सन ने १९४९ में पहली बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भाग लिया, लेकिन टी. जे. सेल्वाराज से हार गए। हार ने उनकी इच्छा को कम नहीं किया और अगले साल उन्होंने सेल्वाराज को हराकर नेशनल चैंपियन बने। इसके बाद उन्होंने १२ बार नेशनल चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया, जिसमें से बार उन्होंने स्नूकर में भी जीत हासिल की।

लगातार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में सफलता ने उन्हें विश्व चैम्पियनशिप का अवसर दिया। १९५२ में कोलकाता में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में उन्होंने क्वालीफाई किया, लेकिन जीत नहीं मिल पाई। १९५४ में भी वह विश्व चैंपियनशिप में सफल नहीं हो सके। १९५८ में उन्होंने अपनी चौथी विश्व चैम्पियनशिप में भाग लिया और इस बार उन्होंने जीत हासिल की। वह बिलियर्ड्स में विश्व चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय बने। १९६४ में न्यूजीलैंड में खेली गई विश्व चैम्पियनशिप में भी विल्सन विजेता रहे, जो उनकी अंतिम विश्व प्रतियोगिता थी। १९६७ में अपना अंतिम राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीतने के बाद उन्होंने इस खेल को अलविदा कहा।

संन्यास के बाद उन्होंने कोचिंग में सक्रियता बनाए रखी। ओम अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, और अशोक शांडिल्य जैसे खिलाड़ी उनके शिष्य रहे। उनकी असाधारण सफलता को भारत सरकार ने भी मान्यता दी, और उन्हें १९६२ में अर्जुन पुरस्कार, १९६५ में पद्मश्री, और १९९६ में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। २००३ में उनका निधन हुआ, और उनकी मृत्यु की तारीख को लेकर असमंजस है। कहीं ४ अक्टूबर तो कहीं ५ अक्टूबर को उनका निधन बताया गया है। विल्सन को भारतीय बिलियर्ड्स का भीष्म पितामह माना जाता है।

—राष्ट्र प्रेस

पीएके

Point of View

बल्कि उन्होंने नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए एक आदर्श स्थापित किया। पंकज आडवाणी जैसे खिलाड़ियों के लिए विल्सन का सपना और संघर्ष प्रेरणा बनता है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

विल्सन जोंस ने कब बिलियर्ड्स विश्व चैंपियनशिप जीती?
विल्सन जोंस ने 1958 में बिलियर्ड्स विश्व चैंपियनशिप जीती थी।
विल्सन जोंस के प्रमुख पुरस्कार कौन से थे?
उन्हें अर्जुन पुरस्कार, पद्मश्री, और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विल्सन जोंस का जन्म कब हुआ था?
विल्सन जोंस का जन्म 2 मई 1922 को हुआ था।
विल्सन जोंस ने कितनी बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती?
उन्होंने 12 बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती।
विल्सन जोंस का निधन कब हुआ?
उनका निधन 2003 में हुआ था।