क्या पर्थ टेस्ट 2 दिन में समाप्त होने से हमारे मुनाफे में भारी कमी आई? क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया सीईओ
सारांश
Key Takeaways
- पर्थ टेस्ट का परिणाम क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए चिंता का विषय बना।
- दर्शकों की रिकॉर्ड संख्या ने खेल की लोकप्रियता को दर्शाया।
- पर्थ टेस्ट 1888 के बाद से सबसे छोटा टेस्ट है।
- टॉड ग्रीनबर्ग ने आर्थिक नुकसान की पुष्टि की।
- ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 8 विकेट से हराया।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज (2025-26) का पहला टेस्ट पर्थ में खेला गया था। यह पर्थ टेस्ट दूसरे दिन के तीसरे सेशन में समाप्त हो गया। इससे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को नुकसान का सामना करना पड़ा। इसकी पुष्टि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ टॉड ग्रीनबर्ग ने की है।
टॉड ग्रीनबर्ग ने 'एसईएन' से बातचीत में कहा, "निश्चित रूप से आप मैच का परिणाम अपने पक्ष में चाहते हैं, लेकिन पर्थ टेस्ट के दो दिन में समाप्त होने से हमें नुकसान हुआ। हमारे मुनाफे में भारी कमी आई। तीसरे और चौथे दिन की कमाई नहीं हुई। मुझे इस बात का दुख है। हमें करोड़ों रुपये वापस करने पड़े।"
ग्रीनबर्ग ने यह भी कहा कि पहले दो दिन में रिकॉर्ड संख्या में दर्शक आए। पहले दिन 51,531 और दूसरे दिन 49,983 लोग आए, कुल मिलाकर 101,514 दर्शक। पिछली बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में हुए टेस्ट में 96,463 लोग आए थे। वह टेस्ट चार दिन चला था और भारतीय टीम विजयी रही थी।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पर्थ टेस्ट 1888 के बाद से गेंदों के हिसाब से सबसे छोटा टेस्ट था। इस टेस्ट में केवल 847 गेंदें फेंकी गईं।
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का चुनाव किया और पहली पारी में 172 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 132 रन बनाए। इंग्लैंड ने दूसरी पारी में भी निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए 132 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 205 रन का लक्ष्य मिला। ट्रेविस हेड की 83 गेंदों पर 123 रन की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट पर 205 रन बनाकर मैच 8 विकेट से जीत लिया और श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली।