क्या 17 सितंबर को पीवी सिंधु ने कोरिया ओपन सुपर सीरीज में इतिहास रचा?

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क्या 17 सितंबर को पीवी सिंधु ने कोरिया ओपन सुपर सीरीज में इतिहास रचा?

सारांश

17 सितंबर 2017 का दिन भारतीय बैडमिंटन के लिए ऐतिहासिक रहा जब पीवी सिंधु ने कोरिया ओपन सुपर सीरीज जीतकर नई उपलब्धि हासिल की। जानिए इस जीत के पीछे की कहानी और सिंधु के सफर के बारे में।

Key Takeaways

  1. पीवी सिंधु ने 17 सितंबर 2017 को कोरिया ओपन सुपर सीरीज जीती।
  2. इस जीत ने उन्हें पहली भारतीय शटलर बनाया जिसने यह खिताब जीता।
  3. सिंधु का सफर मेहनत और संघर्ष की मिसाल है।
  4. उन्होंने रियो ओलंपिक में रजत और टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता।
  5. पीवी सिंधु को बैडमिंटन में कई पुरस्कारों से नवाजा गया है।

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में 17 सितंबर एक महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन, 2017 में, पीवी सिंधु ने कोरिया ओपन सुपर सीरीज जीतकर पहली भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया। इस उपलब्धि ने सिंधु को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया और भारतीय बैडमिंटन की शक्ति को विश्व स्तर पर प्रदर्शित किया।

सिंधु उस समय विश्व रैंकिंग में नंबर 4 थीं। रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक जीतने के बाद, उनके हौसले और भी बुलंद थे।

रविवार को हुए इस ऐतिहासिक मुकाबले में, उनके सामने विश्व रैंकिंग में नंबर 9 जापान की नोजोमी ओकुहारा थीं।

सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में मिली हार का बदला लेते हुए विमेंस सिंगल्स में ओकुहारा को 22-20, 11-21, 21-18 से हराकर अपना तीसरा सुपर सीरीज खिताब जीता। यह मैच 1 घंटे 24 मिनट तक चला।

पहले गेम में, सिंधु और ओकुहारा के बीच काफी टक्कर देखने को मिली, लेकिन अंततः सिंधु ने 22-20 से गेम अपने नाम किया।

दूसरे गेम में, सिंधु अपनी लंबाई और सटीकता के साथ संघर्ष करती रहीं और ओकुहारा ने इसे 21-11 से जीत लिया।

तीसरे और निर्णायक गेम में, सिंधु ने जापानी चुनौती को ध्वस्त करते हुए 21-18 से जीत दर्ज की और चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया।

कोरिया ओपन सुपर सीरीज की शुरुआत 1991 में हुई थी। 26 साल के इतिहास में, सिंधु से पहले किसी भी भारतीय शटलर ने इसमें खिताबी सफलता नहीं हासिल की थी।

पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को आंध्र प्रदेश में हुआ। उनके माता-पिता राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। उनके पिता, पीवी रमना, ने 1986 में सियोल एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था। यही वजह थी कि सिंधु का खेल के प्रति लगाव बचपन से ही था।

सिंधु ने 8 साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू किया। उन्होंने सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्युनिकेशन में बैडमिंटन खेलना सीखा और बाद में पुलेला गोपीचंद की अकादमी में दाखिला लिया।

सिंधु ने 2009 में सब-जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। इसके बाद, 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने खासी पहचान बनाई थी। 2016 में ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा, जो किसी भी भारतीय का ओलंपिक में पहला रजत पदक था। इसके बाद, टोक्यो 2020 ओलंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता।

औक्सिलियम हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाली पीवी सिंधु ने मेहदीपटनम के सेंट एंस कॉलेज फॉर वुमेन से एमबीए की पढ़ाई की है।

बैडमिंटन में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए, उन्हें 2013 में 'अर्जुन अवॉर्ड' और 2015 में 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया। इसके बाद, 2016 में उन्हें 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड' और 2020 में 'पद्म भूषण' से नवाजा गया।

Point of View

NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

पीवी सिंधु ने कब कोरिया ओपन सुपर सीरीज जीती?
पीवी सिंधु ने 17 सितंबर 2017 को कोरिया ओपन सुपर सीरीज जीती।
पीवी सिंधु का जन्म कब हुआ था?
पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हुआ था।
कोरिया ओपन सुपर सीरीज की शुरुआत कब हुई थी?
कोरिया ओपन सुपर सीरीज की शुरुआत 1991 में हुई थी।
पीवी सिंधु को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
पीवी सिंधु को अर्जुन अवॉर्ड, पद्म श्री, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड और पद्म भूषण जैसे पुरस्कार मिले हैं।
क्या पीवी सिंधु ने ओलंपिक में कोई पदक जीता है?
हाँ, पीवी सिंधु ने 2016 में रजत पदक और 2020 में कांस्य पदक जीता है।