क्या राजस्थान क्रिकेट संघ में गुटबाजी का विवाद बढ़ रहा है?

Click to start listening
क्या राजस्थान क्रिकेट संघ में गुटबाजी का विवाद बढ़ रहा है?

सारांश

राजस्थान क्रिकेट संघ में चल रहे आंतरिक विवाद ने अब तड़का ले लिया है, जब डीडी कुमावत और तदर्थ समिति के सदस्यों के बीच तीखे मतभेद सामने आए। यह मामला अब लोकपाल तक पहुंच गया है, जिससे क्रिकेट के भविष्य पर असर पड़ सकता है। क्या यह विवाद आगे बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • गुटबाजी का बढ़ता हुआ प्रभाव
  • भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता
  • लोकपाल की जांच प्रक्रिया
  • क्रिकेट विकास में बाधा
  • आंतरिक विवाद का समाधान

जयपुर, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के भीतर का आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को तदर्थ समिति की कार्यवाही के दौरान समिति के सदस्यों और संयोजक डीडी कुमावत के बीच तीखे मतभेद सामने आए। अब यह विवाद लोकपाल तक पहुंच चुका है।

मतभेद की खबरों पर डीडी कुमावत ने कहा, "यदि मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित होते हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और स्वयं ही पद छोड़ दूंगा।"

तदर्थ समिति के सदस्यों ने कुमावत पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया।

आशीष तिवारी, मोहित यादव और पिंकेश जैन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनंजय सिंह खींवसर ने कहा, "कुमावत शुक्रवार की बैठक में उपस्थित नहीं हुए और समिति के चारों सदस्यों की सामूहिक सहमति के बिना निर्णय ले रहे थे।"

खींवसर ने दावा किया, "डीडी कुमावत को जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं था। इस फैसले पर न ही सदस्यों से सलाह ली गई। पिछले साढ़े तीन महीनों से कोई आधिकारिक बैठक नहीं हुई है और अब अकेले ही निर्णय लिए जा रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "अब हम चयन समिति के गठन पर निर्णय करेंगे।"

इसके बाद डीडी कुमावत आरसीए कार्यालय पहुंचे और आरोपों को निराधार बताते हुए अपना पक्ष रखा।

उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने बैठक बुलाई थी, उनके पास कोई अधिकार नहीं था। मुझे कल रात ईमेल द्वारा नोटिस मिला। इसके अलावा, वे उच्च न्यायालय के आदेश के तहत निलंबित हैं।"

कुमावत ने कहा कि यह बैठक आवश्यक नहीं थी और इसे कम से कम सात दिन पहले बुलाना चाहिए था। धनंजय सिंह मेरे छोटे भाई जैसे हैं, लेकिन उन्हें कानून का पालन करना चाहिए। निविदा संबंधी सभी कार्य वर्तमान में तदर्थ समिति के अधिकार क्षेत्र में हैं।

उन्होंने कहा, "बैठक में शामिल तीन सदस्यों में से एक को निलंबित कर दिया गया है, जिससे बैठक अमान्य हो गई है। यदि मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो जाते हैं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। लोकपाल पहले से ही मामले की जांच कर रहा है और मैं उनके निष्कर्षों के बाद ही कोई टिप्पणी करूंगा।"

लंबे समय से आरसीए की तदर्थ समिति में चल रहा विवाद राजस्थान में क्रिकेट को प्रभावित कर रहा है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश में क्रिकेट की स्थिति को प्रभावित कर सकता है। इसे एक गंभीर समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए, जहां गुटबाजी और आंतरिक कलह खेल के विकास में बाधक बन सकती है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

आरसीए में विवाद का कारण क्या है?
आरसीए में विवाद का मुख्य कारण डीडी कुमावत द्वारा एकतरफा फैसले लेना और समिति के सदस्यों के बीच मतभेद है।
डीडी कुमावत ने क्या कहा है?
डीडी कुमावत ने कहा है कि यदि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित होते हैं, तो वे इस्तीफा दे देंगे।
लोकपाल की भूमिका क्या है?
लोकपाल इस मामले की जांच कर रहा है और उनके निष्कर्षों के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
क्या यह विवाद राजस्थान क्रिकेट पर असर डालेगा?
जी हां, यह विवाद राजस्थान क्रिकेट के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
तदर्थ समिति का क्या मतलब है?
तदर्थ समिति एक अस्थायी समिति होती है, जो विशेष कार्यों के लिए बनाई जाती है।