क्या उत्तराखंड 50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप का मेजबान बनकर इतिहास रच रहा है?

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क्या उत्तराखंड 50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप का मेजबान बनकर इतिहास रच रहा है?

सारांश

उत्तराखंड ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप की मेज़बानी की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा उद्घाटन ने इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा दिया है। जानें इस प्रतियोगिता के पीछे की कहानी और इसके आयोजन का महत्व।

Key Takeaways

  • उत्तराखंड ने पहली बार राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप की मेज़बानी की।
  • मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को खेल के महत्व पर जोर दिया।
  • राज्य में 517 करोड़ की लागत से खेल अवसंरचना विकसित हो रही है।
  • नवीनतम खेल नीति खिलाड़ियों को कई लाभ प्रदान करेगी।
  • खेल अकादमियों की स्थापना की जा रही है।

देहरादून, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में 50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप का औपचारिक शुभारंभ किया। यह आयोजन राज्य के लिए एक गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि देवभूमि उत्तराखंड पहली बार इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस सफल आयोजन के लिए बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन को बधाई दी। यह प्रतिष्ठित चैंपियनशिप 10 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें देश के 28 राज्यों से 54 टीमों के एक हजार से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, धैर्य, अनुशासन और टीम भावना भी सिखाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'खेलो इंडिया' और 'फिट इंडिया मूवमेंट' जैसी पहलों की सराहना की, जिनके कारण देश में खेलों के प्रति नई जागरूकता आई है और भारत वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के बाद उत्तराखंड तेजी से खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ रहा है। राज्य में 517 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना विकसित की जा रही है।

उन्होंने घोषणा की कि शीघ्र ही आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों के साथ स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू होगा। इसके अलावा, हल्द्वानी में प्रथम खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है।

नई खेल नीति के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे खिलाड़ियों को काफी फायदा होने वाला है, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सफल होगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, 'खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना', खेल किट, राज्य स्तरीय पुरस्कार और 4 प्रतिशत खेल कोटा की बहाली जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हाल ही में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल दिवस पर 50-50 लाख रुपए की सम्मान राशि भी प्रदान की गई थी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देहरादून में बास्केटबॉल प्रशिक्षण अकादमी के लिए भूमि चिन्हित करने और हल्द्वानी में निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के पास भी बास्केटबॉल प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने खेल विभाग को अन्य खेलों की भांति बास्केटबॉल की भी समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही।

Point of View

बल्कि समस्त भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। खेलों के माध्यम से युवा पीढ़ी को एक नई दिशा मिलती है। ऐसे आयोजनों से राज्य की पहचान और खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप कब शुरू हुई?
यह चैंपियनशिप 4 अक्टूबर 2023 को शुरू हुई।
इस चैंपियनशिप में कितने राज्यों की टीमें भाग ले रही हैं?
इसमें देश के 28 राज्यों से 54 टीमों के एक हजार से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को क्या सलाह दी?
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को बताया कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, धैर्य, अनुशासन और टीम भावना भी सिखाता है।
उत्तराखंड में खेल अवसंरचना के विकास के लिए कितनी राशि खर्च की जा रही है?
राज्य में 517 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना विकसित की जा रही है।
नवीनतम खेल नीति में क्या प्रमुख लाभ हैं?
खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, खेल किट और अन्य लाभ मिलेंगे।