क्या अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद में प्रशासन की जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है?

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क्या अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद में प्रशासन की जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है?

सारांश

क्या प्रशासन की जांच से अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद का समाधान निकलेगा? जानिए इस गंभीर मामले की पूरी कहानी और क्या हो सकती है कार्रवाई।

Key Takeaways

  • अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद में प्रशासन की जांच शुरू हो चुकी है।
  • राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • जांच समिति में तीन अधिकारी शामिल हैं।
  • अगर आरोप सही साबित हुए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • कॉलोनी के विकास के पीछे की वास्तविकता जानना आवश्यक है।

मेरठ, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हापुड़ रोड पर स्थित अब्दुल्ला रेजीडेंसी कॉलोनी को लेकर उत्पन्न विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। योगी सरकार में राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर द्वारा जिलाधिकारी को भेजी गई चिट्ठी के बाद प्रशासन ने हरकत में आकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। डीएम ने तीन अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की है।

इस गठित जांच समिति में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, आवास विकास परिषद के एसई और पुलिस क्षेत्राधिकारी शामिल हैं। इसके साथ ही, सदर तहसील की टीम भी मौके पर पहुंचकर जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुकी है।

आरोप है कि अब्दुल्ला रेजीडेंसी में 'ओनली फॉर मुस्लिम' नीति अपनाई जा रही है, जिसका तात्पर्य है कि यहाँ हिंदू धर्म मानने वाले खरीदारों को प्लॉट नहीं बेचे जा रहे हैं। यही नहीं, कॉलोनी के मानचित्र और बिल्डर के परिसर में रखे मॉडल के अनुसार, कॉलोनी के भीतर एक मस्जिद प्रस्तावित होने की भी बातें सामने आई हैं।

राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने जिलाधिकारी के नाम चिट्ठी में इस मामले पर गंभीर सवाल उठाते हुए डीएम से जांच की मांग की थी। उनका कहना है कि यह कॉलोनी नोएडा के एक बिल्डर से जुड़ी बताई जा रही है और इसका संबंध कथित तौर पर एक कुख्यात गैंगस्टर से होने की चर्चा है।

तोमर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यदि आरोप सही पाए गए और कॉलोनी में खामियां सामने आईं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में अपराधियों और गैंगस्टरों को संरक्षण दिया जाता था, लेकिन योगी सरकार में अपराधियों और माफियाओं के लिए कोई जगह नहीं है। धार्मिक आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ज्ञात हो कि अब्दुल्ला कॉलोनी लगभग 22,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में विकसित की जा रही है। इसमें 78 विला बनाए जा रहे हैं, जबकि 3,020 वर्ग मीटर क्षेत्र को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए चिह्नित किया गया है। बताया जा रहा है कि कॉलोनी के अधिकांश प्लॉट बिक चुके हैं, लेकिन खरीदारों की संख्या और उनके समुदाय को लेकर संदेह गहराता जा रहा है। कॉलोनी के डायरेक्टर रिटायर्ड मेजर जनरल जावेद और महेंद्र गुप्ता हैं।

Point of View

NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

अब्दुल्ला रेजीडेंसी विवाद क्या है?
यह विवाद अब्दुल्ला रेजीडेंसी कॉलोनी में 'ओनली फॉर मुस्लिम' नीति अपनाने के आरोपों के कारण उत्पन्न हुआ है।
जांच समिति में कौन-कौन शामिल है?
जांच समिति में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, आवास विकास परिषद के एसई और पुलिस क्षेत्राधिकारी शामिल हैं।
क्या इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी?
अगर आरोप सही पाए गए, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।