क्या भारत को लेकर एयरबस के चेयरमैन रेने ओबरमैन सकारात्मक हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भारत में एक्सीलेंस और इंजीनियरिंग क्वालिटी का उच्च स्तर है।
- एयरबस के लिए भारत एक स्ट्रेटेजिक लॉन्ग-टर्म पार्टनर है।
- भारतीय टेक्नोलॉजी और टैलेंट का लाभ उठाने की आवश्यकता है।
- भारत वैश्विक मंच पर चीन को पीछे छोड़ने की क्षमता रखता है।
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एयरबस के चेयरमैन रेने ओबरमैन ने शुक्रवार को कहा कि मैंने भारत में एक सप्ताह बिताया और मैं भारत में एक्सीलेंस, इंजीनियरिंग एक्सीलेंस और क्वालिटी के स्तर से पूरी तरह हैरान रह गया।
बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (बीजीडी) के 'लीडर्स डायलॉग: ग्रोइंग टूगेदर- ट्रेड एंड अलायंस इन अ चेंजिंग वर्ल्ड' सत्र में ओबरमैन ने कहा कि एयरबस के लिए भारत एक स्ट्रेटेजिक लॉन्ग-टर्म पार्टनर है और हमारी बातचीत का एक हिस्सा यह भी था कि भारतीय टेक्नोलॉजी और देश के टेक टैलेंट की क्षमताओं का उपयोग करके चीजों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "भारत के साथ पार्टनरशिप को कैसे आगे बढ़ाया जाए, यह भी हमारी बातचीत का हिस्सा था।"
ओबरमैन ने भारत को लेकर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा, "मैं भारत के बारे में बहुत सकारात्मक हूं। क्या आपको लगता है कि यह चीन को पीछे छोड़ देगा? इसका उत्तर उन्हें देना है।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मैंने जो एम्बिशन महसूस किया, एंटरप्रेन्योरियल स्तर पर जो एम्बिशन था, वह उससे कहीं अधिक था, जो मैंने हाल ही में दुनिया में कहीं भी एंटरप्रेन्योरियल स्तर पर सुना था, क्योंकि वे एक ऐसी स्थिति से आ रहे हैं जहां अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है।"
इस बीच, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बर्लिन ग्लोबल डायलॉग (बीजीडी) के 'लीडर्स डायलॉग: ग्रोइंग टूगेदर- ट्रेड एंड अलायंस इन अ चेंजिंग वर्ल्ड' पर पैनल चर्चा का हिस्सा बनने पर खुशी जताई।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पैनल चर्चा में हिस्सा लेकर बहुत खुशी हुई। मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने व्यापारिक पार्टनरशिप को लंबे समय तक आपसी ग्रोथ के नजरिए से कैसे देखता है।"
उन्होंने पैनल चर्चा के बारे में आगे जानकारी देते हुए बताया कि देश में वैश्विक कंपनियों के लिए भविष्य में हिस्सा लेने और निर्माण के बड़े अवसरों पर भी चर्चा की गई।