क्या एनसीआर में ठंड के साथ प्रदूषण में भी वृद्धि हो रही है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है।
- ठंड के साथ प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है।
- एक्यूआई 400 से ऊपर जा चुका है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
- बढ़ती नमी और ठंडी हवाएं प्रदूषण को स्थिर कर रही हैं।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
नोएडा, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में ठंड का आगाज़ हो चुका है। न्यूनतम तापमान में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार 12, 13 और 14 दिसंबर के दौरान दिल्ली-एनसीआर में शैलो से लेकर मॉडरेट फॉग की स्थिति बनी रहेगी।
12 दिसंबर को अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। इसी तरह अगले तीन दिनों तक तापमान में स्थिरता बनाए रखने की संभावना जताई गई है। बढ़ती नमी और ठंडी हवाओं के कारण हवा की गति कम हो गई है, जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के करीब ठहर रहे हैं।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ती जा रही है। कई स्थानों पर स्थिति गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में 391, अशोक विहार में 379, बवाना में 368, बुराड़ी में 354, चांदनी चौक में 366, मथुरा रोड में 309, डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 321, डीटीयू में 366, नरेला में 364, नेहरू नगर में 362, द्वारका में 394 और पंजाबी बाग में 364 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है। कुछ क्षेत्रों में एक्यूआई 350 से ऊपर और कुछ में 390 के करीब पहुंच चुका है, जो अत्यंत चिंताजनक है।
नोएडा के सभी सक्रिय स्टेशनों पर एक्यूआई गंभीर स्तर पर देखा गया है, जिनमें सेक्टर-125 में 371, सेक्टर-62 में 314, सेक्टर-1 में 355 और सबसे गंभीर सेक्टर-116 में एक्यूआई 400 तक पहुंच गया है। गाजियाबाद में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इंदिरापुरम में 350, लोनी में 427 (एनसीआर का सबसे प्रदूषित क्षेत्र), संजय नगर में 326 और वसुंधरा में 242 एक्यूआई दर्ज किया गया है।
ग्रेटर नोएडा भी बुरी तरह प्रभावित है। यहां नॉलेज पार्क-III में 312 और नॉलेज पार्क-V में 373 एक्यूआई दर्ज किया गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जैसे-जैसे पारा गिरता जाएगा, प्रदूषण में बढ़ोतरी होगी। आईएमडी का कहना है कि आने वाले दिनों में रात का तापमान और गिरेगा और हवा की गति कम रहेगी, जिसका सीधा असर हवा की गुणवत्ता पर पड़ेगा और एक्यूआई में और वृद्धि हो सकती है। एयर क्वालिटी ऐप के अनुसार वर्तमान स्थिति में हवा “बहुत खराब” है और लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।