क्या मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए आवश्यक है और इसे साइलेंट पावरहाउस क्यों कहा जाता है?

Click to start listening
क्या मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए आवश्यक है और इसे साइलेंट पावरहाउस क्यों कहा जाता है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है? यह एक साइलेंट पावरहाउस की तरह काम करता है, जो हमें ऊर्जा प्रदान करता है। इसकी कमी से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानें और जानिए कैसे इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • मैग्नीशियम
  • यह ऊर्जा
  • कम मैग्नीशियम
  • व्यवस्थित आहार से मैग्नीशियम की कमी पूरी की जा सकती है।
  • नियमित सप्लीमेंट लेने से मदद मिल सकती है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मानव शरीर के सुचारु संचालन के लिए अनेक विटामिन और खनिज आवश्यक होते हैं। इनकी कमी से शरीर कमजोर और अस्वस्थ हो सकता है।

अधिकतर लोग विटामिन डी, बी12 और आयरन पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन मैग्नीशियम भी हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मानव शरीर में एक साइलेंट पावरहाउस की तरह कार्य करता है और प्रत्येक कोशिका को सही तरीके से कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है।

आयुर्वेद के अनुसार, मैग्नीशियम को धातु बल और पाचन क्षमता बढ़ाने वाला तत्व माना जाता है, जो शरीर के समस्त अंगों को सही तरीके से कार्य करने में सहायता करता है। यह हर कोशिका में पाया जाता है और शरीर की कई महत्वपूर्ण क्रियाओं में योगदान देता है। यह नसों और दिमाग के शांति तंत्र में भी उपस्थित होता है और दिमाग की कोशिकाओं को समर्थन देता है। इसके अलावा, यह दिल की धड़कन को स्थिर रखता है, बीपी को नियंत्रित करने में मदद करता है, और मांसपेशियों तथा हड्डियों को ऊर्जा प्रदान करता है। शरीर की संपूर्ण ऊर्जा का उत्पादन भी मैग्नीशियम के माध्यम से होता है।

यदि मैग्नीशियम की कमी हो जाए, तो यह शरीर को थका हुआ महसूस करा सकता है। इसकी कमी से थकान, मांसपेशियों में खिंचाव, ऐंठन, नींद में परेशानी, और दिल की धड़कन में अनियमितता उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण बीपी बढ़ सकता है, पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है, और सिरदर्द एवं कब्ज की समस्या भी हो सकती है। विशेषकर महिलाओं में पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज) होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

अब यह सवाल उठता है कि रोजाना हमें कितना मैग्नीशियम चाहिए? पुरुषों के लिए 400-420 एमजी, महिलाओं के लिए 300-320 एमजी और गर्भवती महिलाओं के लिए 360 एमजी आवश्यक होता है।

मैग्नीशियम का सेवन आहार और सूखे मेवों के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए कद्दू के बीज, सफेद तिल, पालक, केला, राजमा, काजू, मूंगफली, बादाम और जई का सेवन किया जा सकता है। रोजाना सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए, और इन्हें रातभर पानी में भिगोने के बाद ही खाना चाहिए, ताकि इनमें मौजूद टैनिन निकल जाएं और ये पाचन में आसान हो जाएं।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि मैग्नीशियम की महत्ता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह न केवल हमारी ऊर्जा का स्रोत है, बल्कि स्वास्थ्य की कई समस्याओं से भी बचाता है। हमें इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

मैग्नीशियम की कमी से क्या होता है?
मैग्नीशियम की कमी से थकान, मांसपेशियों में खिंचाव, नींद में परेशानी और दिल की धड़कन में अनियमितता हो सकती है।
हमें रोजाना कितना मैग्नीशियम चाहिए?
पुरुषों के लिए 400-420 एमजी और महिलाओं के लिए 300-320 एमजी मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है।
मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत कौन से हैं?
कद्दू के बीज, सफेद तिल, पालक, केला, राजमा, काजू, मूंगफली, बादाम और जई मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं।
क्या मैग्नीशियम की कमी से महिलाओं में पीसीओडी का खतरा बढ़ जाता है?
हाँ, मैग्नीशियम की कमी से महिलाओं में पीसीओडी होने का खतरा बढ़ सकता है।
मैग्नीशियम का सेवन कैसे करें?
आप सूखे मेवों का सेवन करके मैग्नीशियम प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इन्हें रातभर पानी में भिगोकर खाना बेहतर होता है।
Nation Press