क्या एयरटेल के एआई-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम ने दिल्ली-एनसीआर में 3.5 मिलियन यूजर्स को सुरक्षा प्रदान की?

सारांश
Key Takeaways
- एयरटेल का एआई-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम 3.5 मिलियन यूजर्स को सुरक्षा प्रदान करता है।
- यह सिस्टम रियल-टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस का उपयोग करता है।
- यूजर्स को उनकी भाषा में धोखाधड़ी की चेतावनी मिलती है।
- सिस्टम सभी एयरटेल ग्राहकों के लिए स्वचालित रूप से सक्षम है।
- यह ऑनलाइन धोखाधड़ी से लड़ने में मदद करता है।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस) । भारती एयरटेल ने बताया कि कंपनी के एआई-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम ने दिल्ली-एनसीआर में 3.5 मिलियन से अधिक यूजर्स को बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी से सफलतापूर्वक सुरक्षा प्रदान की है।
एयरटेल ने कहा कि यह उपलब्धि देशभर में एडवांस्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम की शुरुआत के 43 दिनों के भीतर प्राप्त की गई है।
कंपनी ने कहा, "लॉन्च के पिछले 43 दिनों में, एयरटेल ने 1,88,000 से अधिक मालवेयर लिंक को ब्लॉक किया है और देशभर में 106 मिलियन यूजर्स को सुरक्षा प्रदान की है।"
यह एडवांस सिस्टम सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड कस्टमर्स के लिए स्वचालित रूप से सक्षम है। सिस्टम एसएमएस, वॉट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ई-मेल और अन्य ब्राउज़रों में लिंक को स्कैन और फिल्टर करता है।
यह प्रतिदिन 1 बिलियन से अधिक यूआरएल की जांच करने के लिए रियल-टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस का उपयोग करता है और 100 मिलीसेकंड से कम समय में हार्मफुल साइट्स तक पहुंच को ब्लॉक कर देता है।
भारती एयरटेल की सीईओ-दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश (पश्चिम) निधि लौरिया ने एक बयान में कहा, "एयरटेल में हम अपने ग्राहकों को हर तरह की धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने अपने नेटवर्क में एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन को शामिल किया है, जिससे ग्राहकों को किसी अतिरिक्त प्रयास के बिना सभी नए साइबर खतरों से सुरक्षा मिलती है। हमारा मानना है कि भविष्य के डिजिटल वातावरण को सुरक्षित बनाने के लिए अभी कार्रवाई करना जरूरी है और हमें गर्व है कि हम इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, ताकि दिल्ली-एनसीआर में हमारे ग्राहकों को एक अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय नेटवर्क मिल सके।"
दिल्ली-एनसीआर को भारत के सबसे डिजिटली एडवांस्ड राज्यों में से एक माना जाता है, इसलिए ऑनलाइन धोखाधड़ी का खतरा बढ़ गया है।
जालसाज फिशिंग लिंक, नकली डिलीवरी और नकली बैंकिंग अलर्ट के जरिए यूजर्स को तेजी से निशाना बना रहे हैं।
सिस्टम संभावित रूप से संदिग्ध संदेशों में दिए गए लिंक को स्कैन कर सकता है और उन्हें फ्लैग कर सकता है, साथ ही एक्सेस को ब्लॉक भी कर सकता है।
कंपनी ने कहा कि रियल-टाइम इंटरसेप्शन एक डिजिटल शील्ड के रूप में कार्य करता है, जो परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों, गृहणियों, छात्रों और पहली बार स्मार्टफोन का उपयोग करने वालों को सभी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होने से बचाता है।
एआई-संचालित प्लेटफॉर्म यूजर्स की पसंदीदा भाषा में धोखाधड़ी की चेतावनी भी देता है, जिसमें हिंदी भी शामिल है, जो इसे विविध आबादी के लिए अत्यधिक प्रभावी बनाता है।