क्या अमेरिका ने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को आमंत्रित करके 150 साल पुराना प्रोटोकॉल तोड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति नया दृष्टिकोण
- 150 साल पुराना प्रोटोकॉल का उल्लंघन
- राजनीतिक शक्तियों का संतुलन
मुंबई, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रमुख नेता पृथ्वीराज चव्हान ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर को आमंत्रित किए जाने पर शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को आमंत्रित करके 150 साल पुराना प्रोटोकॉल तोड़ा है। यदि अमेरिका ने पाकिस्तानी राष्ट्राध्यक्ष को बुलाया होता, तो इस विषय की गंभीरता को हम समझ पाते। लेकिन, सिर्फ एक सरकारी अधिकारी को बुलाकर अमेरिका ने अपने वर्षों पुराने प्रोटोकॉल को तोड़ने का कार्य किया है।
चव्हान ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के तीन सेनाध्यक्षों को पहले भी बुलाया था। लेकिन, हमें यह ध्यान रखना होगा कि ये सभी सेनाध्यक्ष बाद में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बन गए। इस मामले में स्थिति पूरी तरह से अलग है। असीम मुनीर केवल पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष हैं, वे अभी राष्ट्राध्यक्ष नहीं बने हैं। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि अमेरिका ने 150 साल पुराना प्रोटोकॉल क्यों तोड़ा। यह एक अजीब स्थिति है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी सरकार यह मान चुकी है कि यदि पाकिस्तान में कोई सर्वेसर्वा है, तो वो असीम मुनीर हैं। उनकी बातों को हमें मानना होगा। इस प्रकार उन्हें एक ऐसा ओहदा दिया गया है, जो सब कुछ है। इसके अतिरिक्त, ऐसा करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की राजनीतिक शक्तियों को कम करने का प्रयास किया गया है। अमेरिका इस प्रकार पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की दिशा में कदम उठा सकता है। दूसरी बात, इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध में पाकिस्तान की कोई भूमिका हो सकती है। अमेरिका पाकिस्तान से सैनिक अड्डे बनाने की बात कर सकता है। तीसरी बात यह हो सकती है कि यदि इजरायल ईरान के खिलाफ आण्विक हथियार का इस्तेमाल करता है, तो पाकिस्तान भी उसी प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा, कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप असीम मुनीर से क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति में, किसी ने भी आतंकवाद पर बात नहीं की। इस गंभीर मुद्दे पर किसी ने खुलकर चर्चा नहीं की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यहाँ तक कह दिया कि आई लव पाकिस्तान। इस कारण आतंकवाद जैसा गंभीर मुद्दा दब गया। इसके साथ ही, ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान उन्होंने मध्यस्थता की। इस संदर्भ में, असीम मुनीर चाहते हैं कि ट्रंप को नोबेल पीस पुरस्कार मिले।
इन सभी स्थितियों से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अमेरिका का करीबी मित्र है, न कि भारत।