क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' को अंजाम देने वाले सुरक्षाबलों को सम्मानित किया?

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क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' को अंजाम देने वाले सुरक्षाबलों को सम्मानित किया?

सारांश

नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट' के सफल अंजाम देने वाले सुरक्षाबलों को सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे। मोदी सरकार का उद्देश्य 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करना है। जानें इस महत्वपूर्ण अभियान के बारे में।

Key Takeaways

  • ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी जीत दिलाई।
  • सुरक्षाबलों का शौर्य और पराक्रम एक स्वर्णिम अध्याय है।
  • मोदी सरकार का संकल्प 2026 तक नक्सलवाद पर पूर्ण विराम लगाना है।
  • अभियान ने दक्षिण भारत में कई क्षेत्रों में नया सूर्योदय लाने का संकेत दिया।
  • सुरक्षाबलों के जीवन को सुचारू बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा के वीर जवानों से नई दिल्ली में भेंट की और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस कार्यक्रम की तस्वीरें भी साझा कीं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि हम 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर चलाए गए अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में वीर जवानों द्वारा किए गए शौर्यपूर्ण प्रदर्शन के लिए सभी सुरक्षाबलों के जवानों को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान के इतिहास में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ के दौरान जवानों का शौर्य और पराक्रम एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएं या समाप्त न हो जाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम भारत को नक्सलमुक्त बनाकर ही रहेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गर्मी, ऊंचाई और हर कदम पर आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने बुलंद हौसले के साथ अभियान को सफल बनाकर नक्सलियों का बेस कैंप समाप्त किया।

उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर बने नक्सलियों के मटेरियल डंप और सप्लाई चेन को छत्तीसगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ, डीआरजी और कोबरा के जवानों ने पराक्रम से नष्ट कर दिया। नक्सलियों ने देश के सबसे कम विकसित क्षेत्रों को बहुत नुकसान पहुँचाया है, स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए और सरकारी योजनाओं को स्थानीय लोगों तक नहीं पहुँचने दिया।

उन्होंने कहा कि नक्सलविरोधी अभियानों के कारण पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में साढ़े 6 करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हुआ है। नक्सलविरोधी अभियानों में गंभीर शारीरिक क्षति उठाने वाले सुरक्षाबलों के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

Point of View

उसमें हमारे सुरक्षाबलों का साहस और दृढ़ता प्रशंसनीय है। यह अभियान न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि हमारे देश के विकास और स्थिरता के लिए भी आवश्यक है। हमें इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट का उद्देश्य क्या है?
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट का उद्देश्य नक्सलियों के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई करना और उन्हें समाप्त करना है।
कौन-कौन से सुरक्षाबल इस अभियान में शामिल थे?
इस अभियान में सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा के जवान शामिल थे।
मोदी सरकार का नक्सलवाद के प्रति क्या संकल्प है?
मोदी सरकार का संकल्प है कि वे 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करेंगे।
इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को क्या चुनौतियाँ थीं?
गर्मी, ऊंचाई और आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
इस अभियान का प्रभाव क्या हुआ?
इस अभियान के कारण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नए विकास और स्थिरता की उम्मीद जगी है।