क्या अमृतसर सिविल अस्पताल के स्टोर रूम में लगी आग से बड़ा हादसा टल गया?

सारांश
Key Takeaways
- आग लगने पर त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
- फायर सेफ्टी ड्रिल्स जीवन रक्षक होती हैं।
- अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को नियमित रूप से जांचा जाना चाहिए।
- जान-माल का नुकसान कम करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
- आपातकालीन स्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
अमृतसर, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के अमृतसर में जिलास्तरीय सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के समीप सोमवार सुबह शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। इस घटना से अस्पताल में आने वाले मरीजों और तीमारदारों के बीच हड़कंप मच गया। किंतु, अस्पतालकर्मियों की चतुराई के चलते कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ।
आग लगने से चारों ओर धुआं फैलने लगा और वहां उपस्थित तीमारदार अपने-अपने मरीजों को लेकर भागने लगे। सूचना मिलने पर भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर नहीं पहुंचीं। अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत मोर्चा संभाला और आग बुझाने में सफल हुए।
आग लगने की जानकारी मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. स्वर्णजीत सिंह धवन और केंद्रीय हलके के विधायक डॉ. अजय गुप्ता घटनास्थल पर पहुंचे। सिविल सर्जन ने बताया कि आग से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। स्टोर की सफाई चल रही है और मरीजों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में नियमित रूप से फायर सेफ्टी ड्रिल आयोजित की जाती हैं, जिसका लाभ इस आपात स्थिति में मिला। स्टाफ ने फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग करके आग पर काबू पा लिया।
उन्होंने कहा कि केवल एक फ्रिज जला है और अस्पताल के सभी महत्वपूर्ण रिकॉर्ड और उपकरण सुरक्षित हैं।
विधायक डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि आग ब्लड बैंक के पास बने स्टोर रूम के एक फ्रिज में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। उन्होंने अस्पताल स्टाफ की सराहना की और कहा कि उनकी चतुराई से आग पर तुरंत काबू पाया गया।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि आग लगने के कारणों की विस्तृत जांच की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और भी मजबूत किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए फायर सेफ्टी ड्रिल और सुरक्षा प्रबंध कितने महत्वपूर्ण हैं।