क्या खेसारी लाल यादव मानसिक रूप से बीमार हैं?
सारांश
Key Takeaways
- खेसारी लाल यादव का बयान विवादास्पद रहा है।
- संतों ने इसे अधार्मिक बताया है।
- राजनीतिक स्वार्थ के लिए बयान दिए जा रहे हैं।
- सनातन धर्म की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है।
अयोध्या, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में छपरा सीट से राजद के उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने राम मंदिर के संदर्भ में दिए अपने विवादास्पद बयान के कारण चर्चा में हैं।
हनुमानगढ़ी के देवेशाचार्य महाराज ने कहा, "खेसारी लाल यादव का यह बयान पूरी तरह से बेतुका है। भारत में सनातन धर्म का पालन होता है और भगवान राम उस धर्म की आत्मा हैं। उनका यह बयान चंद वोटों और कुछ लोगों को खुश करने के लिए दिया गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "इन्हें पहले अपने परिवार से पूछना चाहिए कि क्या राम मंदिर की आवश्यकता है, उनके परिवार वाले भी यही कहेंगे कि इसकी आवश्यकता थी। खेसारी अधार्मिक व्यक्ति हैं और उनका धर्म से कोई वास्ता नहीं है। उनके गाने भी उनकी सोच की तरह अधार्मिक हैं।"
तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा, "उनके गाने और फिल्में फूहड़ हैं। अगर वे कहें कि मस्जिद को हटाकर विद्यालय या अस्पताल बना दो, तो लोग उनकी बात पर प्रतिक्रिया देंगे। यह सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने का एक तरीका है। सनातन धर्म को बुरा-भला कहकर वे लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। खेसारी राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी पार्टी में भी कभी मर्यादा नहीं रही है।"
अयोध्या के संत सीताराम दास महाराज ने कहा, "खेसारी मानसिक रोग से ग्रस्त हैं, उनका ज्ञान से कोई संबंध नहीं है। जिस पार्टी से वे चुनाव लड़ रहे हैं, वह हमेशा से सनातन विरोधी रही है।"