क्या अनंत सिंह की गिरफ्तारी से बिहार में गुंडाराज का अंत होगा?
सारांश
Key Takeaways
- अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल बढ़ाई है।
- कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने जनता की स्थिति को उजागर किया।
- बिहार में गुंडाराज के खिलाफ आवाज़ उठ रही है।
- मोकामा में अपराध की स्थिति चिंताजनक है।
- राजनीतिक साजिश और कानूनी मामले के बीच मतभेद है।
पटना, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में मोकामा से जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद सियासी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि बिहार की जनता अब गुंडाराज को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मोकामा में हुई हत्याकांड की यह घटना यहां की व्याप्त गुंडागर्दी का स्पष्ट उदाहरण है। लोग इस गुंडाराज को समाप्त करने के लिए 6 और 11 तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि मैंने अपने जीवन में ऐसा चुनाव नहीं देखा है, जहां दिनदहाड़े हत्याएं की जा रही हैं। क्या इसे नीतीश कुमार अपनी सरकार का सुशासन मानते हैं? उन्होंने 2005 के विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय चुनाव में एक भी घटना नहीं हुई थी।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार बिहार में सुशासन की बात करती है, जबकि दूसरी ओर पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जैसे बड़े नेता वहां जा रहे हैं और बिहार में हत्याएं हो रही हैं। यह कैसा सुशासन है? कांग्रेस नेता ने कहा कि सिवान में तीन हत्याएं हुई हैं और एक दरोगा को भी मार दिया गया है।
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि बिहार में अपराध की वर्तमान स्थिति क्या है? मोकामा की घटना इसका एक सही उदाहरण है। रोज हत्या हो रही है और सरकार केवल पल्ला झाड़ने में लगी है।
जदयू उम्मीदवार ने गिरफ्तारी से पहले शनिवार को पूरे दिन मोकामा में प्रचार किया और कई गांवों का दौरा किया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनके मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें लिखा था कि सत्यमेव जयते। मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है, इसलिए अब मोकामा की जनता ही चुनाव लड़ेगी।
जदयू उम्मीदवार के समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए आरोप लगाया, जबकि विरोधियों ने इसे कानूनी मामला कहा।