क्या अरविंद त्रिवेदी ने रावण के रोल में अद्भुत छाप छोड़ी?

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क्या अरविंद त्रिवेदी ने रावण के रोल में अद्भुत छाप छोड़ी?

सारांश

अरविंद त्रिवेदी, जिन्होंने 'रामायण' में रावण का अद्भुत किरदार निभाया, की पुण्यतिथि पर उनके जीवन की अनकही कहानियाँ। उनका जीवन रावण बनने के बाद कैसे बदल गया, जानिए।

Key Takeaways

  • अरविंद त्रिवेदी ने रावण का किरदार निभाने के लिए बहुत मेहनत की थी।
  • वे शूटिंग से पहले भगवान शिव की आराधना करते थे।
  • उनका किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है।

नई दिल्ली, ५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सिनेमा या टीवी पर कुछ ऐसे किरदार होते हैं, जो अपनी इतनी छाप छोड़ देते हैं कि दर्शक हमेशा उन्हें इसी किरदार में याद करते हैं। ऐसे कई किरदार हैं, जैसे कि रामानंद सागर के टीवी शो ‘रामायण’ में भगवान राम और माता सीता का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया।

दोनों स्टार्स को आज भी दर्शक भगवान राम और सीता के रूप में ही देखते हैं, लेकिन इसी के साथ ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का रावण बनने के बाद जीवन बदल गया।

अरविंद त्रिवेदी की सोमवार को पुण्यतिथि है। अभिनेता का निधन ६ अक्टूबर २०२१ को हुआ था। उनकी मृत्यु हार्ट अटैक के कारण हुई थी, लेकिन आज भी सभी के दिलों में उनका किरदार 'रावण' जिंदा है। अरविंद ने 'रामायण' के पहले टीवी सीरियल और फिल्म में काम किया था। अभिनेता ने फिल्म 'हम तेरे आशिक हैं' और सीरियल 'विक्रम और बेताल' में काम किया था और उसी दौरान उनकी मुलाकात प्रेम सागर से हुई थी। प्रेम सागर, रामानंद सागर के बेटे थे। उन्होंने पहली बार अरविंद त्रिवेदी को देखा और 'रामायण' के ऑडिशन के लिए बुलाया।

अरविंद त्रिवेदी ने लॉकडाउन के समय दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि पहले वे नाविक (केवट) के किरदार के लिए गए थे, लेकिन उनके चलने के तरीके को देखकर ही उन्हें 'रावण' का रोल ऑफर हुआ। अभिनेता ने यह भी जिक्र किया था कि रावण बनने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की थी। हिंदी डायलॉग का शुद्ध उच्चारण और फिट रहना जरूरी था।

इसी के साथ वे शूटिंग सेट पर आने से पहले भगवान शिव की आराधना करते थे और अपने बोले गए डायलॉग के लिए भगवान से माफी भी मांगते थे। ये सभी बातें दिखाती हैं कि उन्होंने अपने रोल को परफेक्ट बनाने के लिए कितनी मेहनत की थी।

काम के मोर्चे पर, अरविंद त्रिवेदी को आखिरी बार १९८९ में आए टीवी सीरियल 'विश्वामित्र' में देखा गया था। इस सीरियल में उन्होंने सत्यव्रता त्रिशंकु का किरदार निभाया था। अभिनेता ने गुजराती फिल्म 'देश रे जोया दादा परदेश जोया', 'शिव-पार्वती', 'जेसर तोरा', 'पराया धन', गुजराती सीरियल 'भक्त गोरा कुंभार' (२०२१), 'मैयर मा मांडू नथी लगतू', 'महिसागर ना मोती', 'नल दमयंती' जैसे सीरियल में काम किया है। अभिनेता और उनके भाई दोनों ही गुजराती सिनेमा में सक्रिय थे।

Point of View

अरविंद त्रिवेदी ने न केवल 'रामायण' में रावण का किरदार निभाया, बल्कि उन्होंने भारतीय टेलीविजन और सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

अरविंद त्रिवेदी का जन्म कब हुआ था?
अरविंद त्रिवेदी का जन्म ८ नवंबर १९३८ को हुआ था।
अरविंद त्रिवेदी ने किन फिल्मों में काम किया?
उन्होंने 'हम तेरे आशिक हैं' और कई गुजराती फिल्मों में काम किया।
क्या अरविंद त्रिवेदी ने रावण बनने से पहले अन्य किरदार निभाए थे?
हाँ, उन्होंने पहले भी कई टीवी सीरियल और फिल्मों में काम किया था।