क्या ऑस्ट्रेलिया भारत में अपना पहला फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन लीड करेगा?

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क्या ऑस्ट्रेलिया भारत में अपना पहला फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन लीड करेगा?

सारांश

ऑस्ट्रेलिया इस महीने भारत में अपना पहला फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन लीड करने जा रहा है। यह मिशन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच माइनिंग पार्टनरशिप को मजबूत करने के उद्देश्य से है। जानें, इस ऐतिहासिक डेलिगेशन के बारे में और किस प्रकार के अवसरों की खोज की जाएगी।

Key Takeaways

  • माइनिंग पार्टनरशिप को मजबूत करना
  • ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों की भागीदारी
  • नवाचार का प्रदर्शन
  • बिजनेस अवसरों की खोज
  • सांस्कृतिक सहयोग का बढ़ावा

नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच माइनिंग पार्टनरशिप को मजबूत करने के लिए, ऑस्ट्रेलिया इस महीने भारत में अपना पहला फर्स्ट नेशंस बिजनेस मिशन लीड करने जा रहा है।

इस अवसर पर पार्टनरशिप के अवसरों की खोज के लिए, आठ ऑस्ट्रेलियाई माइनिंग इक्विपमेंट, टेक्नोलॉजी और सर्विसेज कंपनियां (एमईटीएस) २६ अक्टूबर से ३ नवंबर तक मुंबई, नई दिल्ली और कोलकाता का दौरा करेंगी।

डेलिगेशन पहले २६ से २८ अक्टूबर तक मुंबई में, उसके बाद २८ से ३० अक्टूबर तक दिल्ली और फिर ३० अक्टूबर से २ नवंबर तक कोलकाता के दौरे पर रहेगा। इस दौरान, भारत के सबसे बड़े माइनिंग कॉन्फ्रेंस इंटरनेशनल माइनिंग, इक्विपमेंट एंड मिनरल्स एग्जीबिशन में अपनी विशेषज्ञता और नवाचार का प्रदर्शन करेंगे।

इस दौरे के बारे में ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर फिलिप ग्रीन ने कहा, “दुनिया भर में स्वदेशी अधिकारों को बढ़ावा देने और फर्स्ट नेशंस ट्रेड और इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने में मदद करने के लिए, ऑस्ट्रेलिया भारतीय अर्थव्यवस्था से ऑस्ट्रेलिया में रहने वालों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत ऑस्ट्रेलियाई फर्स्ट नेशंस इंडस्ट्रीज के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है। चाहे यह अवसर एग्रीफूड और नेटिव बोटैनिकल का निर्यात हो या साइबर, क्लीन एनर्जी या माइनिंग सॉल्यूशन विकसित करना हो। ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस ऐतिहासिक बिजनेस मिशन का समर्थन करने पर गर्व महसूस करती है।”

ऑस्ट्रेलियाई फर्स्ट नेशंस एबोरिजिनल और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोग धरती की सबसे पुरानी लगातार चलने वाली सभ्यताओं में से एक हैं, जो ६५,००० साल से भी अधिक पुरानी हैं। इनकी पहचान ऑस्ट्रेलिया के पहले डिप्लोमैट, ट्रेडर, इनोवेटर और ज्ञान रखने वालों के रूप में होती है।

पर्थ यूएसएशिया सेंटर और चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया द्वारा ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से लीड किया जा रहा यह डेलिगेशन, डीजल माइनिंग गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलने से लेकर फ्यूल एफिशिएंसी को बेहतर बनाने के लिए केमिकल बनाने, सेफ्टी, इंडस्ट्रियल गैस, इंजीनियरिंग और टेक्निकल सर्विसेज जैसे कई सेक्टरों में ऑस्ट्रेलियाई क्षमताओं का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है।

Point of View

यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा और दोनों देशों के विकास में सहायक होगा। ऐसे मिशन से न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

ऑस्ट्रेलिया का यह बिजनेस मिशन कब हो रहा है?
यह बिजनेस मिशन 26 अक्टूबर से 3 नवंबर तक होगा।
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच माइनिंग पार्टनरशिप को मजबूत करना है।
कौन-कौन सी कंपनियां इस मिशन में शामिल होंगी?
इसमें आठ ऑस्ट्रेलियाई माइनिंग इक्विपमेंट, टेक्नोलॉजी और सर्विसेज कंपनियां शामिल हैं।
इस मिशन के दौरान कौन सा प्रमुख कार्यक्रम होगा?
इस दौरान इंटरनेशनल माइनिंग, इक्विपमेंट एंड मिनरल्स एग्जीबिशन का आयोजन होगा।
इस मिशन के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार की योजना क्या है?
ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस मिशन को सपोर्ट करने पर गर्व महसूस करती है।