क्या अयोध्या में राम मंदिर के लिए विशेष ध्वज तैयार किया गया है, जिसे पीएम मोदी 25 नवंबर को फहराएंगे?
सारांश
Key Takeaways
- ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है।
- ध्वज को विशेष पैराशूट फैब्रिक से बनाया गया है।
- यह ध्वज 360 डिग्री घूमने वाले चैंबर पर स्थापित होगा।
- ध्वज का निर्माण 80 साल पुरानी कंपनी द्वारा किया गया है।
- इस ध्वज में बारीक कढ़ाई की गई है।
अहमदाबाद, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 नवंबर को ध्वज फहराने की तैयारी की जा रही है। यह ध्वज अहमदाबाद की एक कंपनी में बनाया जा रहा है, जो विशेष रूप से पैराशूट निर्माण में माहिर है। इस ध्वज को विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से तैयार किया गया है, ताकि यह ध्वज सूर्य, वर्षा और तेज हवा के प्रभाव को सहने में सक्षम हो सके।
ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है। इसे मंदिर के शिखर पर लगे 42 फीट ऊंचे ध्वजदंड पर फहराया जाएगा। ध्वजदंड को 360 डिग्री घूमने वाले चैंबर पर स्थापित किया जाएगा, जिसमें बॉल बेयरिंग्स का उपयोग किया गया है। इससे ध्वज तेज हवा की गति में भी सुरक्षित रहेगा।
यह ध्वज इस प्रकार निर्मित किया गया है कि नमी और तापमान के प्रभाव को कम किया जा सके। कंपनी के अनुसार, यह ध्वज मौसम की हर चुनौती को झेलने में सक्षम है। इस विशेष ध्वज का निर्माण राम मंदिर के ऐतिहासिक अवसर को और भी भव्य बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
ध्वज बनाने वाली फर्म के मालिक कश्यप मेवाड़ा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उनकी फर्म 80 साल पुरानी है, जिसे उनके दादाजी ने शुरू किया था। हम असल में उत्तरी गुजरात के दसाड़ा से हैं। ध्वज कपड़े से बना है, और हम तीन लेयर वाले सिल्क साटन का इस्तेमाल करके झंडे बनाने में विशेषज्ञ हैं। इस झंडे को तैयार करने में चार से पांच कारीगरों ने काम किया, जो 11 फीट चौड़ा और 22 फीट लंबा है।
ध्वज बनाने वाले राकेश मेटकर बताते हैं कि हमने इस ध्वज के लिए सिल्क सैटिन फैब्रिक का इस्तेमाल किया है, जिसमें अंदर की लाइनिंग है। इसमें बारीक कढ़ाई की गई है, जिससे इसे बेहतर लुक और टेक्सचर मिलता है।