क्या बैतूल की आईटीआई छात्रा त्रिशा तावड़े ने पीएम-सेतु योजना के तहत राष्ट्रीय उपलब्धि पाई?

सारांश
Key Takeaways
- त्रिशा तावड़े ने 1200 में से 1187 अंक प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मानित किया।
- त्रिशा बैतूल की एकमात्र छात्रा हैं जिन्होंने राष्ट्रीय मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया।
- उनका परिवार साधारण है, पिता बस ड्राइवर हैं।
- युवाओं के लिए पीएम-सेतु जैसी योजनाएं महत्त्वपूर्ण हैं।
बैतूल, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की शासकीय एकलव्य महिला आईटीआई की छात्रा कुमारी त्रिशा तावड़े ने राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने सेंट्रल जोन इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में 1200 में से 1187 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया और राष्ट्रीय मेरिट सूची में अपना नाम दर्ज कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह में त्रिशा को सम्मानित करते हुए उनकी सफलता की सराहना की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएम-सेतु (प्रधानमंत्री स्किलिंग एंड एम्प्लॉयबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू अपग्रेडेड आईटीआई) सहित कई योजनाओं का शुभारंभ किया।
त्रिशा राष्ट्रीय मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाली मध्यप्रदेश की एकमात्र छात्रा हैं, जिसने बैतूल जिले और पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।
त्रिशा तावड़े का संबंध बैतूल के ग्राम भड़ूस के एक साधारण परिवार से है। उनके पिता अजय तावड़े बस ड्राइवर हैं, जबकि मां सुशीला तावड़े गृहिणी हैं। उनकी बड़ी बहन एकता तावड़े भी इसी संस्थान की टॉपर रह चुकी हैं और वर्तमान में रेलवे में अप्रेंटिसशिप कर रही हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने मीडिया से बातचीत के दौरान मोदी सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में किसानों ने उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारी माताओं और बहनों ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारे युवाओं के साथ-साथ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले हमारे भाई-बहनों को उनके जीवन में सुधार लाने और उन्हें खुशियां प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक पटल पर भारतीय युवाओं की स्किल और काम करने की क्षमता का स्वागत हो रहा है। इसी वजह से भारत विश्व का सबसे युवा राष्ट्र है। युवा शक्ति के माध्यम से ही 2047 का स्वर्णिम सपना विकसित भारत का साकार होने वाला है।