क्या बालासोर यौन उत्पीड़न मामले में छात्रा की मृत्यु पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और धर्मेंद्र प्रधान ने शोक व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- यौन उत्पीड़न के मामलों में सख्त कानून की आवश्यकता है।
- सरकार को पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
- सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
- दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
- समाज में सुरक्षा की भावना को विकसित करना आवश्यक है।
भुवनेश्वर, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'एफएम ऑटोनॉमस कॉलेज' की छात्रा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। यौन उत्पीड़न के कारण छात्रा ने 12 जुलाई को आत्मदाह का प्रयास किया था। गंभीर रूप से झुलसने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, तीन दिन बाद वह मौत से हार गई।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने छात्रा की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के सभी प्रयासों और विशेषज्ञ चिकित्सा दल की मेहनत के बावजूद, घायल छात्रा की जान नहीं बचाई जा सकी।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "फकीर मोहन स्वायत्तशासी महाविद्यालय की छात्रा के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है। सरकार के सभी प्रयासों और विशेषज्ञ चिकित्सा दल के अथक प्रयासों के बावजूद, झुलसी छात्रा की जान नहीं बचाई जा सकी। मैं भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि वे उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, "मैं छात्रा के परिवार को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले के सभी दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। मैंने इस संबंध में अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से निर्देश दिए हैं। सरकार परिवार के साथ पूरी तरह खड़ी है।"
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "बालासोर के फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की घटना में उपचाराधीन छात्रा के निधन का समाचार सुनकर मैं अत्यंत दुखी और व्यथित हूं। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। भगवान श्री जगन्नाथ इस दुख की घड़ी में परिवार को असीम धैर्य और साहस प्रदान करें।"
ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने भी छात्रा की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की छात्रा के निधन की खबर सुनकर मैं अत्यंत दुखी हूं। सभी प्रयासों और प्रार्थनाओं के बावजूद हम उसे बचा नहीं सके।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। शिक्षा मंत्री ने कहा, "दोषी को सबसे कठोर सजा दिलाने की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। हम संकल्पित हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।"
मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने लिखा, "आखिरकार जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। ऐसी घटना की निंदा करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। प्रभु परिवार को साहस और शक्ति प्रदान करें।"
कांग्रेस ने भी इस घटना पर दुख जताया है और सरकार पर सवाल उठाए हैं। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा, "छात्रा की मृत्यु की खबर सुनकर मुझे गहरा दुख और पीड़ा हुई है। उन्होंने न्याय के लिए अथक संघर्ष किया, लेकिन आखिर में जीवन की जंग हार गईं। सरकार उन्हें न्याय दिलाने में विफल रही।"
उन्होंने आगे कहा, "छात्रा ने कॉलेज के प्राचार्य से लेकर मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पुलिस-प्रशासन तक, सभी से संपर्क किया था, लेकिन कोई भी उन्हें न्याय दिलाने के लिए आगे नहीं आया।"
पीसीसी अध्यक्ष ने यह भी संकल्प लिया कि कांग्रेस पार्टी छात्रा के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी।